असम में बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन को राष्ट्रपति कोविन्‍द ने किया संबोधित

राष्ट्रपति कोविंद ने असम के तामुलपुर में बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन में सम्मलित हुए

Update: 2022-05-04 09:00 GMT

नई दिल्ली, राष्ट्रपति कोविंद ने असम के तामुलपुर में बोडो साहित्य सभा के 61वें वार्षिक सम्मेलन में सम्मलित हुए. उन्होंने कहा 'बोडो समाज के लोगों से मेरा पुराना परिचय रहा है। मेरे लिए बोडो संस्कृति और भाषा से संपर्क कोई नई बात नहीं है।' आगे उन्होंने कहा 'मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि अनेक महिलाएं बोडो साहित्य की विभिन्न विधाओं में साहित्य सृजन कर रही हैं। मैं चाहता हूं कि महिला रचनाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मान्यता प्राप्त हो।'

बोडो भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने हेतु संविधान संशोधन वर्ष 2003 में हुआ और उसकी घोषणा जनवरी 2004 में की गई। उस समय भारत-रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी देश के प्रधानमंत्री थे।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा 'केंद्र सरकार और पूर्वोत्तर के राज्यों की सरकारों के संयुक्त प्रयासों से इस क्षेत्र में सौहार्द और शांति का वातावरण और मजबूत बनता जा रहा है। इस परिवर्तन के लिए मैं केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा बोडो क्षेत्र के सभी भाइयों और बहनों को बधाई देता हूं।' तीन दिवसीय सम्मेलन में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से 4,000 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
असम सरकार ने राज्य सरकार के उन कर्मचारियों के लिए विशेष आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया है जो बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के अंतर्गत तामूलपुर के कचुबारी में होने वाले सम्मेलन में भाग लेंगे। आयोजन को सफल बनाने के लिए बीएसएस ने व्यापक अभियान और व्यवस्था की है। इसने सम्मेलन के लिए एक थीम गीत भी जारी किया है।


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