असम में 100 से ज्यादा बंगालियों ने ली शरण

Update: 2023-07-12 11:53 GMT

पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले और वोटिंग के दौरान काफी हिंसा हुई, वोटों की गिनती के दिन दक्षिण 24 परगना के भांगर इलाके में भारी बमबारी हुई. आलम यह रहा कि पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम मतगणना केंद्र में ही फंस गये. भांगर में मंगलवार की रात इतनी बमबारी हुई कि लोगों का कहना था कि मानो आसमान से बम बरस रहे हों. इससे यहां दहशत का माहौल है. जानकारी के मुताबिक भांगर के कथलिया इलाके में बदमाशों ने बमबारी शुरू कर दी. यहां पूर्व विधायक अराबुल इस्लाम एक मतगणना केंद्र में फंस गए. जैसे-जैसे रात होती गई, बमबारी तेज़ हो गई।

कथलिया के अलावा शंकरपुर, चंडीहाट और चलताबेड़िया में भी गोलाबारी की खबर है. हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इस घटना के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आईएसएफ दोनों ने एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। जानकारी के मुताबिक, हिंसा में तृणमूल का एक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गया है. चंडीहाट गांव में भी तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के कई घरों में तोड़फोड़ की गयी है. फिलहाल अशांत इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. इस घटना से चुनाव के बाद हिंसा की और घटनाएं होने की आशंका भी बढ़ गई है. आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के बाद भी हिंसा की दर्जनों घटनाएं हुईं.

वहीं, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंसा के डर से 100 से ज्यादा लोगों ने असम में शरण ली है. उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों को राहत शिविर में रखा गया है. असम सरकार द्वारा उनके भोजन और चिकित्सा देखभाल की भी व्यवस्था की गई है। इससे पहले भी 2021 में बंगाल से कई परिवार जान बचाने के लिए असम चले गए थे.

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