गुवाहाटी (आईएएनएस)| पुलिस ने सोमवार को कहा कि 32 वर्षीय एक व्यक्ति को असम के कछार जिले के पुलिस अधीक्षक को अपना नाम बताकर कथित रूप से ठगने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान कछार जिले के बदरपुर कस्बे के निवासी जुबैर अहमद के रूप में हुई है।
आरोपी ने कथित तौर पर कछार के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नुमल महट्टा के नाम से एक ऑनलाइन मोबाइल भुगतान सेवा खाता पंजीकृत किया और कई लोगों को ठगा, लेकिन उसकी किस्मत उस वक्त पलटी खा गई, जब अनजाने में उसने महट्टा को फोन किया और खुद को कछार का एसपी बताकर पैसे मांगे।
पुलिस ने कहा, "शनिवार की रात अहमद ने महट्टा को फोन किया और खुद को कछार एसपी के रूप में पेश किया।"
महट्टा ने कहा, "जब मैंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ मौजूद व्यक्ति ने खुद को कछार जिले का एसपी बताया।"
एसपी ने कहा, "मुझे पता था कि यह एक झूठी कॉल थी, लेकिन मैं उससे बात करता रहा।"
महट्टा जिस समय अहमद से बात करता रहा, उसी दौरान कछार पुलिस के साइबर दस्ते ने कॉल के स्रोत का पता लगाना शुरू कर दिया।
पुलिस ने बताया कि अहमद को रविवार को गिरफ्तार किया गया।
महट्टा ने कहा कि पुलिस को पिछले महीने पता चला कि कछार के एसपी का गूगल-पे अकाउंट है, जो कुछ महीनों से सक्रिय है।
महता ने कहा, "अहमद ने इसी खाते का इस्तेमाल नकदी उगाही के लिए किया, आमतौर पर उन लोगों से जो अपने पासपोर्ट सत्यापित होने का इंतजार कर रहे थे। मैंने पहले इस खाते को बंद करने के निर्देश जारी किए थे।"
प्रारंभिक जांच के अनुसार, पुलिस ने पाया कि आरोपियों ने बड़ी संख्या में लोगों से पासपोर्ट प्राप्त करने को आसान बनाने का वादा किया था।
महता ने कहा, लोग उन्हें पासपोर्ट के लिए 5,000 रुपये देते थे। यह उनकी मानक फीस थी।
--आईएएनएस