गुवाहाटी: तेंदुआ ने महिला पर हमला कर किया बुरी तरह घायल, तेंदुआ भी पकड़ा गया

Update: 2022-04-19 19:00 GMT

असम न्यूज़:असम राज्य चिड़ियाघर सह बॉटानिकल गार्डेन के वन्यजीव बचाव दल ने गुवाहाटी के पांडू इलाके में स्थित लोको कॉलोनी से एक नर तेंदुआ को इंसानी संघर्ष की स्थिति से बचाते हुए उसे पकड़ लिया। इलाके के निवासी मुस्ताक अली ने बताया है कि मंगलवार को तड़के तेंदुआ को उसके पड़ोसी रतन दास के घर मे सबसे पहले देखा गया। तेंदुआ को देखते ही लोगों में चीख-पुकार मच गई। लोगों ने तेंदुआ को अपने मोहल्ले से खदेड़ने के लिए पूरा जोर लगाया। लोगों ने तेंदुआ को खदेड़ने के लिए पत्थर से मरना शुरू किया। अपनी जान बचाने के लिए तेंदुए मुस्ताक आली के घर के पिछवाड़े में पहुंच गया और एक कटहल के पेड़ पर चढ़ गया। मालूम हो कि तेंदुआ ने अपनी जान बचाने के दौरान स्थानीय महिला मंजू भट्टाचार्य (50) पर हमला कर दिया, जिसके चलते महिला गंभीर रूप से घायल हो गयीं। महिला को तुरंत उन्नत चिकित्सा के लिए गुवाहाटी मेडिकल कालेज एं अस्पताल (जीएमसीएच) में भर्ती कराया गया।

हालात को काबू में करने के लिए सूचना पाकर मौके पर पहुंची असम वन विभाग, गुवाहाटी सिटी पुलिस और सीआरपीएफ की एक टीम ने अभियान आरंभ किया। अभियान के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को घटने के पहले स्थिति को अच्छी तरह से सुरक्षा बलों ने संभाल लिया। असम राज्य चिड़ियाघर के वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक एवं सलाहकार डॉ. विजय गोगोई के विशेष बचाव दल ने तेंदुआ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया। पकड़ने के बाद तत्परता से तेंदुआ को राज्य चिड़ियाघर में स्थानांतरित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि प्रौढ़ नर तेंदुआ संभवतः खाने की तलाश में इंसानी बस्ती में घुस आया था। क्योंकि, इंसानी बस्तियों पालतु पशु जैसे बकरी, बिल्ली, मुर्गी, कुत्ता आसानी से मिल जाता है।

इसके अलावा पिछले दो दिनों में लोगों ने पांडू नार्थ इलाके से सटे इलाके में एक तेंदुआ को घूमते देखा है। जिसने कामाख्या के पश्चिम छोर की तलहटी में स्थित एक घर से तीन बकरियों को अपना निवाला बना लिया है। मंगलवार की सुबह पांडु लोको कॉलोनी में एक विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गयी थी। असम राज्य चिड़ियाघर की टीम द्वारा इंसानी बस्ती से तेंदुए को कुशलता पूर्वक बचाव कार्य को अंजाम देते हुए तेंतुआ को पकड़कर राज्य चिड़ियाघर में स्थानांतरित कर दिया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। पहले भी पांडु, मालीगांव एवं नीलाचल पहाड़ के इलाकों में तेंदुआ निकलकर पालतु पशुओं को अपना निवाला बनाते रहे हैं। संभवतः पहली बार इंसान पर तेंदुआ ने हमला किया था।

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