सीएम हिमंत बिस्वा पर कांग्रेस का गंभीर आरोप, EC ने जारी किया नोटिस

असम में पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव होना है।

Update: 2021-10-26 15:19 GMT

नई दिल्ली, असम में पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव होना है। इससे पहले कांग्रेस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर चुनाव आचार सहिंता के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए हैं। असम कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को आगामी उपचुनावों में प्रचार करने से रोकने के लिए कहा है। इसे लेकर आज कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने दिल्ली स्थित चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करायी है।

इस मामले पर कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, असम प्रभारी जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज चुनाव आयोग से मुलाकात की। हमने उन्हें बताया कि कैसे असम में लोकतंत्र को कुचला जा रहा है, कैसे संविधान की हत्या की जा रही है, कैसे सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है, कैसे मुख्यमंत्री एचबी सरमा के इशारे पर वोटों को प्रभावित किया जा रहा है।
सुरजेवाला ने आगे कहा कि, हमने चुनाव आयोग से मतदाताओं को लुभाने और धमकाने के तरीके, उपचुनाव के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और रिकॉर्ड पर सीएम के बयान के बारे में सख्त कार्रवाई करने की मांग की। हमने मांग की कि रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया जाए और मुख्यमंत्री सरमा को (प्रचार से) प्रतिबंधित किया जाए। कांग्रेस पार्टी ने यह भी मांग की कि चुनाव आयोग हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ कार्रवाई करे। एपीसीसी ने असम के मुख्य चुनाव अधिकारी को एक ज्ञापन दायर कर असम के मुख्यमंत्री पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया था। अब चुनाव आयोग (ईसी) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को एक नोटिस जारी कर विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया की शिकायतों के बाद नोटिस जारी किया। सरमा को मंगलवार शाम पांच बजे तक 'अपनी स्थिति स्पष्ट' करने का निर्देश दिया गया है। बोरा और सैकिया दोनों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक शीर्ष प्रचारक ने चाय बागान के मजदूरों की चुनावी सभाओं में मेडिकल कॉलेजों, सड़कों, पुलों, स्टेडियमों, विकास परियोजनाओं के निर्माण और स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय अनुदान देने का वादा किया था। अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर के साथ आने से कितना बदलेगा पूर्वांचल का सियासी समीकरण ? ईसी सचिव एनटी भूटिया द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि, आयोग का मानना है कि उपरोक्त बयान देकर आपने आदर्श आचार संहिता के उक्त प्रावधान का उल्लंघन किया है। आयोग आपको 26.10.2021 के 1700 बजे या उससे पहले इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर देता है। यदि उक्त समय सीमा के भीतर कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो आयोग आपको बिना किसी संदर्भ के निर्णय लेगा।
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