ASSAM : कछार मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी का पहले भी आतंकवाद का रिकॉर्ड रहा
ASSAM असम : डीजीपी जीपी सिंह ने बताया कि 17 जुलाई को असम सीमा पर कछार जिले में हुई गोलीबारी में मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक लालबिकुंग हमार का आतंकवाद में शामिल होने का पहले भी इतिहास दर्ज है।
असम डीजीपी के अनुसार, लाल थवेल हमार के बेटे लालबिकुंग हमार को 4 जून, 2019 को कछार जिले के लखीपुर थाने की पुलिस ने हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया था। एफआईआर में दी गई सूची और उस समय ली गई तस्वीरों के अनुसार, असम राइफल्स ने लखीपुर थाने में केस नंबर 152/19 के तहत उस पर मामला दर्ज किया था।
जीपी सिंह ने यह भी बताया कि हमार को कछार जिले के लखीपुर थाने में केस नंबर 116/19 में भी गिरफ्तार किया गया था।
इससे पहले 19 जुलाई को तीन मृतक हमार उग्रवादियों, लल्लुंगावी हमार, लालबिकुंग हमार और जोशुआ लालरिनसांग के परिजनों ने न्याय की खातिर गहन जांच का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि मृतक कानून का पालन करने वाले नागरिक थे और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। कछार जिले के लखीपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को लिखे पत्र में पीड़ितों के माता-पिता ने बताया कि कछार एसपी द्वारा दिए गए बयान के आधार पर 17 जुलाई की सुबह असम पुलिस ने कछार जिले के भुबन हिल्स के आसपास एक विशेष अभियान चलाया, जहां क्रॉस फायर के बाद केवलर और हेलमेट पहने तीन घायल उग्रवादियों को पकड़ा गया। बाद में, असम के कछार के एसएमसीएच में उनकी मौत हो गई और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।