Assam: कोयला खदान में बचाव अभियान 7वें दिन भी जारी, मृतकों की संख्या 4 पर
Assam असम : दीमा हसाओ जिले में बाढ़ग्रस्त कोयला खदान में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान रविवार को सातवें दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। खदान से पानी निकालने का काम चल रहा है और उम्मीद है कि यह प्रक्रिया जल्द ही अंतिम चरण में पहुंच जाएगी। राज्य के खान एवं खनिज मंत्री कौशिक राय ने बताया कि खदान से पानी निकालने का काम चल रहा है। 6 जनवरी को अचानक पानी भर जाने के बाद गुवाहाटी से करीब 250 किलोमीटर दूर उमरंगसू इलाके में कोयला खदान में कुल नौ मजदूर फंस गए थे। इनमें से अब तक चार मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
पहला शव बुधवार को बरामद किया गया था, जबकि तीन अन्य को शनिवार को निकाला गया। एनडीआरएफ टीम के कमांडर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि खदान से पानी निकालने की प्रक्रिया के चलते खदान के अंदर का जलस्तर कम हो रहा है। उन्होंने कहा, "बचाव अभियान का आज सातवां दिन है और अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं। पानी निकालने का काम जारी है और जलस्तर कम हो रहा है।" एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और नौसेना कर्मियों सहित कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही इलाके की मैपिंग के लिए ड्रोन भी तैनात किए गए हैं। राय ने शनिवार को साइट पर ऑपरेशन की निगरानी की और कहा कि अगले 36 घंटों के भीतर पानी निकालने का अंतिम चरण पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "पानी निकालने का काम चल रहा है। शाफ्ट के अलग-अलग कुओं से जुड़े होने के कारण बहुत सारा पानी बाहर निकालना था। अगले 36 घंटों के भीतर, हमें अंतिम चरण में पहुंचने की उम्मीद है।" पानी निकालने की प्रक्रिया में 12 पंप लगे हुए हैं, जिसमें धमनी शाफ्ट से पानी निकालना भी शामिल है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि खदान 12 साल पहले बंद कर दी गई थी और तीन साल पहले तक असम खनिज विकास निगम के अधीन थी। सरमा ने कहा, "यह अवैध खदान नहीं थी, बल्कि बंद थी। उस दिन पहली बार कोयला निकालने के लिए मजदूर खदान में घुसे थे।" मजदूरों के नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।