असम के बिस्वनाथ में एक प्राथमिक विद्यालय की स्थितियों ने असम राज्य में शिक्षा क्षेत्र के विकास की दिशा में संबंधित विभाग द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 1979 में स्थापित, फकरुद्दीन प्राइमरी स्कूल में अभी भी परिसर में प्रवेश के लिए उचित सड़क का अभाव है। विद्यार्थियों व शिक्षकों को विद्यालय पहुंचने के लिए दूसरे लोगों के आंगन व खेतों से होकर गुजरना पड़ता है. आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले स्थानीय छात्रों के लिए कक्षाएं लेने के लिए स्कूल में उचित और पर्याप्त संख्या में कक्षाओं का भी अभाव है। स्कूल में चारदीवारी का अभाव और स्कूल के पास तालाब होने से छात्रों की सुरक्षा भी लगातार खतरे में रहती है। स्कूल में कुल 45 छात्र नामांकित हैं और उचित सुविधाओं के अभाव में कक्षाएं एक साथ ली जाती हैं। यह देखना बाकी है कि क्या राज्य का शिक्षा विभाग, जो सबसे अच्छे स्कूलों में से एक होने का दावा कर रहा है, वास्तव में इन स्कूलों की स्थिति पर गौर कर सकता है और उनके विकास और उन्नयन की दिशा में आवश्यक कदम उठा सकता है। उधर, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के मध्याह्न भोजन रसोइयों को पिछले सात माह से पूरा पारिश्रमिक नहीं मिला है। यहां करीब 1.18 लाख रसोइया हैं और नियमानुसार इन्हें 1500 रुपये प्रति माह पारिश्रमिक मिलना चाहिए, लेकिन इसके बदले पिछले सात माह से इन्हें 1000 रुपये ही मिल रहे हैं. ऑल असम प्राइमरी एंड अपर प्राइमरी स्कूल पीएम-पोषण वर्कर्स एसोसिएशन ने मांग की कि सरकार को उनका बकाया भुगतान जारी करना चाहिए और अगर यह पूरा नहीं हुआ तो वे 11 सितंबर को गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन करेंगे। एसोसिएशन इस मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करेगा कि उन्हें 10 महीने के बजाय पूरे 12 महीने का वेतन मिलना चाहिए। कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र दिया जाए और उनकी नौकरी नियमित की जाए।