असम: असम में बाढ़ से आठ और मौतें, 31 लाख लोग प्रभावित, सीआरपीएफ कैंप में घुसा बाढ़ का पानी
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लगातार हो रही बारिश से असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पिछले 24 घंटों में आठ लोगों की मौत होने की खबर है। बाढ़ से 31 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि कछार के सिलचर इलाके का बड़ा भाग पिछले 11 दिन से जलमग्न है।
इस साल बाढ़ और भूस्खलन से 159 लोगों की मौत हो चुकी है। असम के 26 जिलों में बाढ़ प्रभावितों की तादाद बढ़कर 31.54 लाख पहुंच गई है। एक दिन पूर्व बाढ़ प्रभावितों की संख्या 24.92 लाख थी। ब्रह्मपुत्र, बेकी, कोपिली और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हालांकि, कई दूसरी नदियों का जल स्तर घट रहा है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उप आयुक्तों के साथ वर्चुअल बैठक कर बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
सीआरपीएफ कैंप में घुसा बाढ़ का पानी
असम में बीती रात भारी बारिश के कारण पानी सीआरपीएफ के कैंपों में घुस गया। मौसम विभाग के अनुसार 3-4 दिन और बारिश होगी, इसलिए एहतियात के तौर पर कैंप खाली कराया जा रहा है।
अरुणाचल में इस साल बाढ़ और भूस्खलन से18 मौतें
अरुणाचल प्रदेश में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 18 हो गई। हाल में पापुम पारे जिले में मलबे के नीचे से एक और शव निकाला गया है। इस बीच बाढ़ में डूबे लोगों का पता लगाने के लिए एनडीआरएफ जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नीमा ताशी ने बताया कि एनडीआरएफ द्वारा बालीजान के चकमा शिविर-1 में मलबे के नीचे से 27 वर्षीय एक महिला का शव निकाला गया है। महिला की पहचान मोमिता चकमा के रूप में की गई है। पिछले दिनों ईटानगर से सटे पापुम पारे जिले में बाढ़ और भूस्खलन के कारण पांच और पश्चिमी सियांग जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई है। पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश ने पूर्वोत्तर राज्य को प्रभावित किया है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन शुरू हो गया है, जिससे संपर्क टूट गया है और लोग प्रभावित हुए हैं।
मणिपुर: भूस्खलन के कारण 14 लोगों की मौत
मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भीषण भूस्खलन में 14 लोगों की मौत हो गई। साथ ही स्थानीय लोगों समेत सेना के करीब 60 लोग लापता बताए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह घटना बुधवार रात टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण स्थल पर हुई। बचाव अभियान जारी है। मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने ट्वीट किया कि टुपुल में हुई भूस्खलन की घटना का आकलन करने के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई गई है। खोज और बचाव अभियान पहले से ही चल रहा है। बचाव अभियान में सहायता के लिए डॉक्टरों के साथ एंबुलेंस भी भेजी गई है।