असम : मां के हाथों में न सौंपकर अस्पताल में भर्ती अन्य महिला को सौंप दिया बच्चा, तीन साल बाद मिला बच्चा

Update: 2022-06-10 12:21 GMT

असम के बारपेटा जिला स्थित एक अस्पताल में गलती से नवजात को उसकी मां की जगह अन्य महिला को सौंप दिया गया था। यह घटना तीन साल पहले की है। अब जब नवजात तीन साल का हो गया है तब वह अपनी सगी मां की गोद में पहुंचा है। दरअसल तीन साल पहले बारपेटा में एक सरकारी अस्पताल में दो गर्भवती महिलाओं को भर्ती किया गया था लेकिन एक बच्चा मृत पैदा हुआ था। इसी दौरान अस्पताल के मैनेजमेंट से गलती हो गई और नाम में समानता होने के कारण बच्चा अपनी सगी मां के पास नहीं बल्कि दूसरी महिला को सौंप दिया गया।

कोर्ट के निर्देशानुसार DNA की रिपोर्ट की जांच हुई और तब जाकर तीन साल बाद बच्चा सगी मां के पास पहुंच सका। रिपोर्ट के अनुसार 3 मई 2019 को बारपेटा से गर्भवती महिला नजमा खानम ने सरकारी अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था। इसके बाद वह महिला ICU में भर्ती की गई और बच्चे को चाइल्ड केयर रूम में भर्ती किया गया। इसके कुछ ही घंटों बाद अस्पताल के स्टाफ ने मृत बच्चे का शव नजमा खानम के परिवार को दे दिया। एडवोकेट अब्दुल मन्नन ने कहा कि नजमा खानम के परिजनों ने दावा किया कि उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया था और उसकी मृत्यु नहीं हो सकती थी। अब्दुल मन्नन ने कहा, 'तीन दिनों के बाद परिजनों ने अस्पताल में भर्ती होने वाली गर्भवती महिलाओं के लिस्ट की जांच की तब उन्हें पता चला कि एक ही नाम वाली दो महिलाएं नजमा खानम और नजमा खातून अस्पताल में भर्ती थीं। इन दोनों ने दो बच्चों को जन्म दिया था जिसमें से एक की मौत हो गई थी।'
एडवोकेट ने आगे बताया कि नजमा खानम के परिवार वालों ने बारपेटा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी और मामले की जांच के लिए पुलिस से आग्रह किया था। मामले की जांच करने वाले अधिकारी ने 8 अक्टूबर 2020 को डीएनए जांच की अर्जी लगाई थी जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। DNA टेस्ट रिपोर्ट पाजिटिव आई। कोर्ट के निर्देशों के अनुसार बच्चे को उसकी सगी मां के हाथों सौंप दिया गया। जांच में यह बात सामने आई कि एक तरह का नाम होने के कारण ही यह गड़बड़ी हुई थी। जीवित बच्चे को नजमा खातून को सौंप दिया गया जबकि वह नजमा खानम का बच्चा था।


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