Morigaon मोरीगांव: बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही विभिन्न बीमारियों के संक्रमण की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। राज्य के विभिन्न भागों में मलेरिया और जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के मामलों की संख्या भी बढ़ रही है। असम के मोरीगांव जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई), डेंगू और मलेरिया का प्रकोप गंभीर चिंता का विषय बन गया है। मोरीगांव जिले के मायोंग के गगलमारी इलाके की एक 7 वर्षीय बच्ची वायरस की चपेट में आकर दम तोड़ गई। नागांव के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार मोरीगांव जिले में अब तक कुल 10 लोगों में जापानी इंसेफेलाइटिस का निदान किया गया है। इनमें से छह लोग वर्तमान में ठीक हो रहे हैं
जबकि दो बच्चों सहित चार का गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। जिले में डेंगू बुखार के 10 मामले भी सामने आए हैं जबकि पांच अन्य लोग मलेरिया से पीड़ित हैं। जिले के चिकित्सा अधिकारी प्रकोप को नियंत्रित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस वर्ष यह देखा गया है कि ऊपरी असम में जेई के मामलों की संख्या निचले असम की तुलना में अधिक है। जोरहाट, शिवसागर, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, तिनसुकिया, चराईदेव, लखीमपुर और धेमाजी जैसे जिलों के साथ-साथ कामरूप (मेट्रो) आदि में भी मामलों की संख्या बढ़ रही है।
अप्रैल से अब तक 24 जेई रोगियों को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 11 का इलाज चल रहा है और बाकी को छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, कुछ जिलों में जेई के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। बीमारी से लड़ने के लिए डॉक्टरों, नर्सों और अस्पताल के वार्डों की विशेष व्यवस्था की गई है। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम केंद्र के अनुसार, पिछले छह वर्षों में जेई से कुल 487 लोगों की मौत हुई है। 2018 में 94 मौतें हुईं, 2019 में 161, 2020 में 51, 2021 में 40, 2022 में 96 और 2023 में 34 लोग इस बीमारी से मारे गए।