KOKRAJHAR कोकराझार : नेहरू युवा केंद्र, कोकराझार द्वारा "मेरा भारत" के अंतर्गत पांच दिवसीय आवासीय कार्यक्रम सीमा क्षेत्र युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया। कार्यक्रम में पांच राज्यों बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मेघालय के युवाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन एडीसी, कोकराझार शुभ्रम आदित्य बोरा और एनवाईके, कोकराझार के जिला युवा अधिकारी हिमांशु कुमार ने किया।
इस पांच दिवसीय सीमा क्षेत्र युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को असम राज्य की कला, संस्कृति और खान-पान की आदतों से अवगत कराना था। इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न विषयों पर विशिष्ट अतिथियों द्वारा सत्रों को संबोधित किया गया, जिनमें वाशिम अख्तर बारी ने नशीली दवाओं के सेवन से होने वाली बीमारियों के बारे में बताया। तरेंद्र नाथ बसुमतारी ने बोडो संस्कृति, देबराज पॉल ने युवा नेतृत्व और कौशल विकास की जानकारी, डॉ. हसमोत अली ने असम राज्य के रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों पर और डॉ. शशांक शेखर शर्मा ने देश के विकास में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपना सत्र लिया। प्रतिभागियों को सरलपारा और कोकराझार चाय बागान का भ्रमण भी कराया गया और उन्हें चाय बागान और प्रसंस्करण के बारे में बताया गया। करनजीत ब्रह्मा और लक्ष्मी ब्रह्मा की टीम ने बोडो पोशाक, बोडो गमछा और बोडो संस्कृति से जुड़े वाद्य यंत्रों के बारे में विस्तार से बताया और लक्ष्मी ब्रह्मा ने बागुरूम्बा नृत्य भी प्रस्तुत किया। सीमा क्षेत्र युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और असमिया गमछा देकर सम्मानित किया गया।