30 दिसंबर तक असम और मेघालय सरकार ने 6 क्षेत्रों में सीमा विवादों को सुलझाने के लिए उठाएंगे कदम
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मंगलवार को लैम्पी का दौरा किया।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मंगलवार को लैम्पी का दौरा किया. इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'दोनों राज्यों सरकार द्वारा बनाए गए क्षेत्रीय समुदाय ने विवाद स्थलों का दौरा किया और उनके बीच लगातार बैठक चल रही हैं. आज हमने तय किया है सभी समुदाय अपनी रिपोर्ट 30 नवंबर तक अपने राज्यों के सीएम को जमा करेंगे और विवाद पर 30 दिसंबर तक आखिरी फैसला सुनाया जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'मैं और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा अपने सहयोगी के साथ आज लैम्पी का दौरा किया. लैम्पी का दौरा करने के बाद हमने चर्चा की. ये दौरा लंबे समय से लंबित था और आज इस दौरे से दोनों राज्यों के लोगों के बीच सकारात्मकता पैदा होगी.'
वहीं, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा, 'ये पहली बार हुआ है जब दो राज्यों के CM अलग-अलग जगहों का दौरा करते हैं और फिर बातचीत करते हैं ये सकारात्मक कदम है. इससे दोनों राज्यों के लोगों को फ्रेंडशिप और कमिटमेंट का मैसेज जाता है, दोनों सरकार दोनों राज्यों में चल रहे विवाद के प्रति गंभीर है, इसका समाधान निकालेगी.दरअसल, असम और मेघालय दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद है. दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच 12 इलाकों को लेकर विवाद है. इन इलाकों में से छह पर मामूली मतभेद हैं और राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर इन्हें हल करने पर फैसला करना है. अभी हाल ही में कुछ समितियों ने हाहिम, मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स जिले में अरादोंग के अलावा सलबरी, मलछपरा, गामेरीमुरा, गोहानीमारा और गिजांग इलाकों का दौरा किया था. उन्होंने मेघालय में जिरांग और असम में पलाशबारी का भी दौरा किया था.
1972 में मेघालय का गठन हुआ था
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने असम के साथ अंतरराज्यीय सीमा विवाद निपटाने के लिए तीन क्षेत्रीय समितियों का गठन किया है. तीनों समितियों के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री हैं और ये समितियां राज्य की सीमा पर छह विवादित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लें रही हैं. असम से अलग होकर 1972 में मेघालय का गठन हुआ था. दोनों राज्यों के बीच समस्या तब शुरू हुई जब मेघालय ने 1971 में असम पुनर्गठन अधिनियम को चुनौती दी, जिसने मिकिर हिल्स के ब्लॉक I और II या वर्तमान कार्बी आंगलोंग को असम को दे दिया.