जनता से रिश्ता वेबडेस्क : असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद कई साल से चल रहा है। अब दोनों राज्य इस विवाद को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं। विवाद पर चर्चा करने के लिए असम सरकार का पांच सदस्यीय प्रतिनिमंडल 9-10 अगस्त को पड़ोसी राज्य मिजोरम का दौरा करेगा। असम सीमा सुरक्षा एवं विकास विभाग के कमिश्नर एवं सेक्रेटरी जीडी त्रिपाठी ने बताया कि पड़ोसी राज्य मिजोरम के लिए जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व असम सीमा सुरक्षा और विकास मंत्री अतुल बोरा करेंगे। उनके साथ राज्य के आवास एवं शहरी मंत्री अशोक सिंघल और तीन अन्य अधिकारी भी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे।
दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच चल रहे दशकों पुराने सीमा विवाद को हल करने के लिए असम सरकार की प्रतिनिधिमंडल मिजोरम सरकार की प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगी। जीडी त्रिपाठी ने आगे कहा कि दोनों राज्य सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बॉर्डर डिस्प्यूट मामले पर चर्चा करेंगे। इस दौरान मिजोरम सरकार के प्रतिनिधियों का नेतृत्व मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना करेंगे।पिछले साल अगस्त में दोनों राज्यों के प्रतिनिधियों के बीच मिजोरम की राजधानी आइजोल में बातचीत हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने अंतर्राज्यीय सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने और शांति बनाए रखने पर सहमत हुए थे। असम पड़ोसी राज्य मिजोरम के साथ 164.6 किलोमीटर लंबा सीमा साझा करता है। पिछले कुछ सालों के दौरान दोनों राज्यों के बॉर्डर पर कई हिंसक झड़प हुई हैं।
पिछले साल 26 जुलाई को दोनों राज्यों के बीच हुई हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह जवान और एक नागरिक की मौत हो गई थी, जिसके बाद असम और मिजोरम के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था। इस खूनी झड़प में कम से कम पचास लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद घटना स्थल पर सेंट्रल रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की छह कंपनियों की तैनती की गई थी। दोनों राज्यों ने ज्वाइंट स्टेटमेंट में शांति बनाए रखने के लिए केंद्र की पहल का स्वागत करते हुए तटस्थ बल की गश्ती पर सहमति व्यक्त की थी।
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