शेयर बाजार में निवेश कराने का झांसा देकर 17 करोड़ की ठगी करने वाला गिरफ्तार
अरुणाचल प्रदेश के लोगों को शेयर बाजार में निवेश कराने का झांसा देकर 17 करोड़ रुपये ठगने का आरोपित चौधरी ब्रज किशोर कुमार उर्फ संतोष कुमार उर्फ पिटू कुमार बुधवार को उस वक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया
अरुणाचल प्रदेश के लोगों को शेयर बाजार में निवेश कराने का झांसा देकर 17 करोड़ रुपये ठगने का आरोपित चौधरी ब्रज किशोर कुमार उर्फ संतोष कुमार उर्फ पिटू कुमार बुधवार को उस वक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया, जब वह दोस्त नीरज के साथ अपनी लग्जरी कार की सर्विसिंग कराने पहुंचा था। उसे गिरफ्तार करने के लिए अरुणाचल प्रदेश की पुलिस पटना के रुपसपुर थाने पहुंची थी। मोबाइल की टावर लोकेशन से पुलिस को सफलता मिली। रुपसपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि ट्रांजिट रिमांड पर चौधरी को अरुणाचल प्रदेश भेजने की तैयारी की जा रही है। चौधरी मूलरूप से नालंदा जिले के थरथरी थानांतर्गत कचहरिया गांव का रहने वाला है। वह राजाबाजार में दोस्त के घर में छिपा था। एल्गो ट्रेडिंग के नाम से खोल रखी थी कंपनी
चौधरी ने एल्गो ट्रेडिंग के नाम से कंपनी खोल रखी थी। कंपनी का रजिस्टर्ड आफिस बेंगलुरु में है। इसमें चौधरी के अलावा पश्चिम बंगाल निवासी दीपक सरकार उर्फ बीके शर्मा, असम के सिल्चर का रहने वाला राजू दत्ता, बेंगलुरु निवासी निशित समेत पांच पार्टनर थे। सभी के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश के ईटा नगर जिले के बंदरदेवा थाने में 17 अप्रैल 2021 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब तक तीन आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। चौधरी को पकड़ने के लिए अरुणाचल प्रदेश के इंस्पेक्टर अरुण कुमार पांडेय और हवलदार सुमन कुमार झा पटना आए थे।
गिरफ्तार चौधरी ने बताया कि वह 2021 में कंपनी से जुड़ा था। तब चार पार्टनर पहले से कंपनी का संचालन कर रहे थे। 12 करोड़ की वित्तीय हेर-फेर हुई थी, जिसमें नौ करोड़ रुपये का हिसाब मिल गया। तीन करोड़ रुपये का लेखा-जोखा नहीं मिल रहा था। इसके बाद साझेदारों में अनबन हुई और कंपनी बंद कर सभी लोग अपने-अपने घर चले गए। हालांकि, अरुणांचल प्रदेश के अधिकारियों ने चौधरी की बातों को गलत ठहराया। उन्होंने बताया कि हार्ड टेकियो कंपनी ने 17 करोड़ के गबन का आरोप लगाया था। कहा गया कि निवेशकों से रकम वसूलने के बाद उन्होंने हार्ड टेकियो कंपनी को राशि नहीं दी और कार्यालय में ताला लगाकर फरार हो गए। निवेशक उनकी कंपनी में जाली सर्टिफिकेट लेकर आए, तब फर्जीवाड़ा की जानकारी हुई