पड़ोसी देश चीन सीमा पर अपनी कुटिल चालों से लगातार भारत को परेशान करने की कोशिश करता रहा

पड़ोसी देश चीन सीमा

Update: 2023-01-19 06:29 GMT
ईटानगर। पड़ोसी देश चीन सीमा पर अपनी कुटिल चालों से लगातार भारत को परेशान करने की कोशिश करता रहा है। उसकी एक ऐसी ही चाल एक बार फिर से सामने आई है। चीन तिब्बत से निकलकर भारत में आने वाली यरलुंग त्संगपो नदी पर 60,000 मेगावॉट बिजली पैदा करने की क्षमता का एक बड़ा डैम बना रहा है। चीन यरलुंग त्संगपो नदी पर जिस डैम को बना रहा है, वो मेडोग बॉर्डर के करीब है। ये जगह अरुणाचल प्रदेश के बिल्कुल करीब है, जहां से ये नदी भारत में प्रवेश करती है। चीन के इस डैम के बनने को लेकर भारत चिंतित है।
सूत्र बता रहे हैं कि डैम बनने के बाद चीन ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को भी मोड़ सकता है। यही नहीं इस डैम का पानी रोक कर और बाद में तेजी से चीन छोड़कर अरुणाचल प्रदेश और असम जैसे सीमा से लगे इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी पैदा कर सकता है। चीन के इस डैम के बनने के बाद से अरुणाचल प्रदेश और असम में पानी की किल्लत या फिर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इतना ही नहीं इसका असर बांग्लादेश पर भी पड़ेगा। चीन की इस कुटिल चाल को विफल करने के लिए फिलहाल भारत ने भी कमर कस ली है। भारत भी अरुणाचल प्रदेश में कई डैम तैयार कर रहा है, जो बड़ी स्टोरेज कैपेसिटी के साथ बनाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि यारलुंग त्संगपो भारत के अरुणाचल प्रदेश इलाके से होकर बहती है, जहां इसे सियांग कहा जाता है। यह नदी कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के दक्षिण पूर्व में पश्चिमी तिब्बत में एंग्सी ग्लेशियर से निकलती है। बाद में भारत के अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में पहुंचने से पहले ये नदी दक्षिण तिब्बत घाटी और यरलुंग त्संगपो ग्रांड कैन्यन बनाती है। अरुणाचल प्रदेश से नीचे की ओर नदी बहुत चौड़ी है और इसे सियांग कहा जाता है। असम तक पहुंचने के बाद इस नदी को ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाने लगा। असम से आगे ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में बहती है।
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