अरुणाचल का युवक 7 साल से चीनी सेना की कैद में, सांसद ने मोदी सरकार से की ऐसी मांग
अरुणाचल प्रदेश के एबीजेपी सांसद ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ओर से 2015 में कथित तौर पर अपहरण किए गए.
अरुणाचल प्रदेश के एबीजेपी सांसद ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की ओर से 2015 में कथित तौर पर अपहरण किए गए, युवक का मुद्दा उठाया और सरकार से उसकी रिहाई का आग्रह किया। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान मामला उठाते हुए तपीर गाओ ने यह भी मांग की कि युवाओं को वापस लाने के लिए सभी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाए।
उन्होंने कहा कि युवक का परिवार दर-दर भटकता रहा और यहां तक कि उसे वापस लाने के लिए सेना और भारत सरकार से भी मदद मांगी। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के चलते 6 युवाओं को चीनी आर्मी से बचाया जा चुका है, ऐसे में भारत सरकार से अनुरोध किया कि युवक को वापस लाने के लिए सभी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि हाल में चीनी सेना ने कथित रुप से अरुणाचल के एक युवक का अपहरण कर लिया था। इसके बाद भारतीय एजेंसियों के प्रयास से 14 दिनों बाद मिराम तारोन अपने परिवार से मिल पाया। अधिकारी ने बताया कि 27 जनवरी को चीनी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के 'अपहृत' लड़के को भारतीय सेना को सौंप दिया था । उन्होंने कहा कि अरुणाचल के लड़के को चीनी सेना ने भारतीय सेना को किबिथू सेक्टर में वाचा-दमई सीमा कर्मियों की बैठक स्थल पर सौंप दिया था। 17 वर्षीय मिराम टैरोन को चीनी सेना ने 17 जनवरी को 'अपहरण' किया था और भारतीय सेना को सौंपे जाने से पहले एक सप्ताह तक चीनी सेना की कैद में बिताया था। मिराम टैरोन के दोस्त - जॉनी यायिंग, जो भागने में सफल रहे, उन्होंने पीएलए द्वारा अपहरण के बारे में अधिकारियों को सूचित किया था।