अरुणाचल प्रदेश : पॉवर मंत्रालय, पर 142 करोड़ रुपए का घोटाले का आरोप लगाया
ईटानगर। दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महमूद पराचा और अरुणाचल प्रदेश के वकील एवं सोशल एक्टिविस्ट काको पोतम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें अरुणाचल प्रदेश सरकार पर दिन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, पॉवर मंत्रालय, पर 142 करोड़ रुपए का घोटाले का आरोप लगाया है। इसमें काको पोटम द्वारा गुवाहाटी हाई कोर्ट ईटानगर बेंच में लगाई गई याचिका में कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस अरूणाचल प्रदेश सरकार, चीफ सेक्रेटरी, कमिश्नर पावर, कमिश्नर वित्त एवं प्लानिंग, चीफ इंजीनियर वेस्टर्न एन्ड इलेक्ट्रिकल ज़ोन और एक्सक्यूटिव इंजिनीयर को दिया है। इसका उनको 25 जुलाई को जवाब देना है। महमूद पराचा ने कहा कि याचिका में सबसे बड़ी बात ये है कि इसका ई टेंडर नहीं किया गया, साथ ही फ़र्ज़ी बैंक गारन्टी का इस्तेमाल किया गया, एक डिस्ट्रिक्ट के एक्सक्यूटिव इंजीनियर ने तीन डिस्ट्रिक्ट का एनआईटी इशू किया, साथ ही ये एक्सक्यूटिव इंजीनियर सिर्फ कार्यवाहक है और वास्तव में ये अस्सिस्टेंट इंजिनीयर ही है।
इस टेंडर में हिस्सा लेने वाली एक फर्म ने कहा कि उन्होंने कभी टेंडर भरा ही नहीं और एक्सक्यूटिव इंजिनीयर साहब ने उनके कागज़ व्हाट्सअप पाए मंगाए थे और उसी का इस्तेमाल करके टेंडर कर दिया टेंडर लेने वाली एक फर्म डीएम ग्रुप सिर्फ क्लास टू कॉन्ट्रैक्टर है, और इतना बड़ा टेंडर भरने की कानूनी इजाज़त उन्हें नहीं है वही पराचा ने दूसरी कंपनी पर भी आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि निर्वाणा कंपनी ने फ़र्ज़ी बैंक गारंटी जमा कराई। साथ ही 17 दिसम्बर 2019 को 6 अरुणाचल प्रदेश के अधिकारियों ने इसको पास किया...इस सभी कामों की स्वीकृति सीएम औए पॉवर मंत्रालय भारत सरकार ने भी दी, जिसकी शिकायत सोशल एक्टिविस्ट काको पोतम ने भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश के सभी उच्च अधिकारियों को भी इसकी शिकायत दी, लेकिन कोई भी उत्तर उन्हें प्राप्त नहीं हो सका।
इसी वजह से उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसपर हाई कोर्ट गुवाहाटी ईटा नगर बेंच ने इन आरोपों पर कारण बताओ नोटिस अरुणाचल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों समेत मंत्री को भी दिया जिसका जवाब सरकार को 25 जुलाई को देना है। वहीं जब हमने पॉवर मंत्री चौना मेन से इस बात की जानकारी के बारे में बताया जिसका व्हाट्सएप्प पर भी कोई जवाब नहीं आया साथ ही कॉल का भी वो उत्तर नहीं दे रहे हैं वहीं अब देखना होगा गुवाहाटी हाई कोर्ट में 25 जुलाई को अरूणाचल प्रदेश सरकार इस कारण बताओ नोटिस का क्या जवाब देगी।