अरुणाचल सरकार कामेंग नदी की गंदगी होने के कारण का लगाएगी पता

अरुणाचल प्रदेश सरकार (Arunachal govt.) ने राज्य के पूर्वी कामेंग जिले में कामेंग नदी (Kameng River) के गंदे होने के कारणों का पता लगाने के लिए एक तथ्य-खोज समिति का गठन किया है।

Update: 2021-10-31 15:11 GMT

इटानगर। अरुणाचल प्रदेश सरकार (Arunachal govt.) ने राज्य के पूर्वी कामेंग जिले में कामेंग नदी (Kameng River) के गंदे होने के कारणों का पता लगाने के लिए एक तथ्य-खोज समिति का गठन किया है। अरुणाचल प्रदेश में कामेंग नदी का पानी कीचड़ में बदल गया है। हजारों की संख्या में मरी हुई मछलियां नदी में तैरती मिली हैं। नदी के पानी की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है, जो अभी भी कीचड़ बना हुआ है।

प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, नदी में मछलियों की मौत का कारण उच्च TDS की उपस्थिति है जो जलीय प्रजातियों के लिए कम दृश्यता और सांस लेने में समस्या पैदा करता है। पश्चिम कामेंग और पूर्वी कामेंग जिलों के प्रशासन ने पहले ही लोगों से मछलियों (Fish) को इकट्ठा करने और उनका उपभोग करने के लिए नदी में नहीं जाने का आग्रह किया है।
कामेंग नदी दक्षिण तिब्बत में भारत-तिब्बत सीमा (India-Tibet border) पर बर्फ से ढकी गोरी चेन पर्वत के नीचे हिमनद झील से तवांग में निकलती है। तेजपुर में ब्रह्मपुत्र में मिलने से पहले यह नदी अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले और असम के सोनितपुर जिले से होकर बहती है। असम में, नदी को जिया भराली के नाम से जाना जाता है।


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