अरुणाचल प्रदेश में ''हिमालयन बर्ड काउंट'' के दौरान पक्षियों की कम से कम 70 विभिन्न प्रजातियों की गणना की गई। पश्चिमी लद्दाख से लेकर पूर्वी अरुणाचल प्रदेश तक यह ''हिमालयन बर्ड काउंट'' (एचबीसी) का पहला संस्करण था। इसका उद्देश्य पक्षियों की विविध प्रजातियों के बारे में अध्ययन करना और हिमालय के खतरे वाले आवासों की ओर ध्यान आकर्षित करना था।
इस कार्यक्रम का आयोजन बर्ड काउंट इंडिया, बर्ड कंजर्वेशन नेपाल और भूटान स्थित रॉयल सोसाइटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ नेचर द्वारा किया गया। अरुणाचल प्रदेश बर्डिंग क्लब ने भी हिमालयी राज्यों के बाकी हिस्सों के साथ इसमें भाग लिया, जिसका आयोजन सुबनसिरी जिले के जीरो में अपतानी यूथ एसोसिएशन, एुनगुनु जीरो और जीरो बर्डिंग क्लब के सहयोग से किया गया था।
जिले के वन अधिकारियों ने कहा हिमालयन बर्ड काउंट 14 मई को शीतकालीन प्रवासी जलपक्षी के घर सुरम्य सीखे झील में शुरू हुआ और 15 मई को टेल वन्यजीव अभयारण्य में समाप्त हुआ। लगातार बारिश के बावजूद, स्थानीय निवासियों बामिन चाडा और मिलो ताको के नेतृत्व में टीमों ने सिखे झील और टेल वन्यजीव अभयारण्य में पक्षियों की 70 विभिन्न प्रजातियों की गणना की। अधिकारियों ने कहा कि इस आयोजन को हापोली वन प्रभाग और राज्य सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का सहयोग प्राप्त था।