कडप्पा। आंध्र प्रदेश कांग्रेस प्रमुख वाईएस शर्मिला ने शुक्रवार को अपने भाई और राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ एक नए हमले के साथ अपना चुनाव अभियान शुरू किया। वाईएस शर्मिला रेड्डी कडप्पा लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं।
शर्मिला रेड्डी, वाईएस विवेकानंद रेड्डी की भतीजी हैं। उनका कहना है कि वाईएसआर कांग्रेस ने 'चाचा' की कथित हत्या करने वाले लोगों को यह सीट आवंटित कर दी। साल 2019 में वाईएस विवेकानंद रेड्डी की हत्या कर दी गई थी। शर्मिला ने अपने भाई जगन मोहन पर कातिलों को बचाने का आरोप लगाया।
शर्मिला ने विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी के साथ बस यात्रा शुरू की। उन्होंने कडप्पा से एक बार फिर अविनाश रेड्डी को मैदान में उतारने के लिए जगन मोहन रेड्डी की आलोचना की, जबकि सीबीआई ने उन्हें और उनके पिता वाईएस भास्कर रेड्डी को विवेकानंद रेड्डी की हत्या का आरोपी बताया है।
शर्मिला ने कहा कि अगर राजनीतिक हत्या को खत्म करना है तो लोगों को अविनाश रेड्डी को हराना चाहिए। शर्मिला ने दोहराया कि जगन मोहन रेड्डी ने चाचा के 'हत्यारे' को मैदान में उतारा है।
दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला रेड्डी ने कहा कि वह अपने पिता के आशीर्वाद, अपनी मां के प्यार और 'चिन्नन्ना' की अंतिम इच्छा के अनुसार चुनाव प्रचार में उतरी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जगन मोहन रेड्डी हत्यारों को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता वाईएस शर्मिला रेड्डी ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी ने केंद्र की भाजपा सरकार के पास आंध्र प्रदेश को विशेष श्रेणी का दर्जा और पोलावरम परियोजना सहित राज्य के हितों को गिरवी रख दिया।
अपनी ओर से, सुनीता रेड्डी ने लोगों से अपने पिता विवेकानंद रेड्डी के लिए न्याय की इस लड़ाई में शर्मिला को चुनने की अपील की। अपने अभियान के पहले दिन शर्मिला रेड्डी ने बडवेल विधानसभा क्षेत्र के सात मंडलों में प्रचार किया।
कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को शर्मिला को कडप्पा से पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। उसी दिन उन्होंने इडुपुलापाया में अपने पिता की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि विवेकानंद रेड्डी की आखिरी इच्छा उन्हें कडप्पा से लोकसभा चुनाव लड़ते देखना था।
पूर्व मंत्री विवेकानंद रेड्डी की चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला शहर में उनके आवास पर अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी। उस समय वह घर पर अकेले थे। हालांकि, तीन विशेष जांच टीमों (एसआईटी) ने जांच की लेकिन वे रहस्य को सुलझाने में विफल रहे।
--आईएएनएस