विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड : कडप्पा के सांसद सीबीआई के सामने फिर पेश होंगे
हैदराबाद, (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की हत्या से जुड़े चार साल पुराने सनसनीखेज मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) शुक्रवार को कडप्पा के सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी से एक बार फिर पूछताछ करेगी। मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी हैदराबाद में सीबीआई अधिकारियों के सामने पेश होंगे।
यह दूसरी बार है, जब वह केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश होंगे।
अविनाश रेड्डी के पिता वाई.एस. भास्कर रेड्डी को भी सीबीआई ने गुरुवार को तलब किया था, लेकिन उन्होंने और समय मांगा है।
सीबीआई द्वारा मामले में चौंकाने वाले खुलासे के दो दिन बाद अविनाश रेड्डी पेश होंगे।
एक आरोपी सुनील यादव की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने बुधवार को तेलंगाना हाईकोर्ट में दायर अपने काउंटर पेटीशन में कहा कि अविनाश रेड्डी, उनके पिता वाई.एस. भास्कर रेड्डी और उनके अनुयायी डी. शिव शंकर रेड्डी ने परस्पर विरोधी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण विवेकानंद रेड्डी को मारने की साजिश रची थी।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि तीनों ने हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए विवेकानंद रेड्डी के लिए काम करने वाले येरा गंगी रेड्डी, सुनील यादव, दस्तागिरि और अन्य का इस्तेमाल किया।
अविनाश रेड्डी और भास्कर रेड्डी को विवेकानंद रेड्डी से शिकायत थी, क्योंकि उन्होंने अविनाश को कडप्पा लोकसभा क्षेत्र से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) का उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध किया था। पूर्व मंत्री चाहते थे कि जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई. एस. शर्मिला या मां वाई.एस. विजयम्मा को मैदान में उतारा जाए।
सीबीआई ने दावा किया कि हत्या को अंजाम देने के लिए अन्य आरोपियों को 40 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।
जांच एजेंसी ने अपने काउंटर पेटीशन में यह भी कहा कि विवेकानंद रेड्डी अपने भाई भास्कर रेड्डी और भतीजे अविनाश रेड्डी से खुश नहीं थे, क्योंकि उन्होंने कडप्पा में 2017 में हुए एमएलसी चुनाव में उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया था। अविनाश और उनके पिता चाहते थे कि शिव शंकर को एमएलसी उम्मीदवार बनाया जाए, लेकिन जब जगन मोहन रेड्डी ने विवेकानंद को मैदान में उतारा, तो तीनों ने उनकी हार सुनिश्चित करने की कोशिश की।
विवेकानंद रेड्डी जगन मोहन रेड्डी के पिता पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई थे।
साल 2019 के आम चुनाव से एक महीना पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित आवास पर विवेकानंद रेड्डी की रहस्यमय तरीके से हत्या कर दी गई थी।
राज्य के 68 वर्षीय पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद अपने घर पर अकेले थे, उसी दौरान अज्ञात लोगों ने घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी। कडप्पा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करने से कुछ घंटे पहले उनकी हत्या कर दी गई थी।
हालांकि तीन विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच की, लेकिन वे रहस्य को सुलझाने में नाकाम रहे।
सीबीआई ने विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता रेड्डी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर 2020 में मामले की जांच अपने हाथ में ली। सुनीता ने कुछ रिश्तेदारों पर संदेह जताया था।
सीबीआई ने 26 अक्टूबर, 2021 को हत्या के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया और 31 जनवरी, 2022 को एक पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया।
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने हत्या की साजिश के मुकदमे और जांच को हैदराबाद स्थित सीबीआई अदालत में भेज दिया।
सीबीआई ने जांच की गति तेज करते हुए 28 जनवरी को अविनाश रेड्डी से साढ़े चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।
3 फरवरी को सीबीआई ने मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) कृष्ण मोहन रेड्डी से पूछताछ की।
केंद्रीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री के घर में काम करने वाले नवीन से भी पूछताछ की। सीबीआई अधिकारियों ने कडप्पा में दोनों से साढ़े छह घंटे तक पूछताछ की।
उनसे कथित तौर पर उस दिन की घटनाओं के क्रम के बारे में पूछताछ की गई, जब विवेकानंद रेड्डी की हत्या हुई थी। उन्होंने उस दिन किए गए या प्राप्त किए गए फोन कॉल के बारे में जानकारी जुटाई।
--आईएएनएस