सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू विवाद की CBI जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
Andhra Pradesh आंध्र प्रदेश: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पिछली वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार Y S Jagan Mohan Reddy Government के दौरान तिरुपति के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के कथित इस्तेमाल की सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन 'ग्लोबल पीस इनिशिएटिव' के अध्यक्ष के ए पॉल की याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा, "आपकी प्रार्थना के अनुसार, हमें सभी मंदिरों, गुरुद्वारों आदि के लिए अलग-अलग राज्य बनाने होंगे। हम यह निर्देश नहीं दे सकते कि किसी विशेष धर्म के लिए अलग राज्य बनाया जाए। खारिज की जाती है।"
पॉल ने अपनी याचिका में "लड्डू प्रसादम की खरीद और तैयारी के आसपास भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा व्यापक जांच" की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने 4 अक्टूबर को तिरुपति के लड्डू बनाने में पशु वसा के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया था, ताकि करोड़ों लोगों की भावनाओं को शांत किया जा सके। साथ ही, उसने यह भी स्पष्ट किया था कि अदालत का इस्तेमाल राजनीतिक लड़ाई के मैदान के रूप में नहीं किया जा सकता।
उसने निर्देश दिया था कि स्वतंत्र एसआईटी में सीबीआई और आंध्र प्रदेश पुलिस Andhra Pradesh Police के दो-दो अधिकारियों के अलावा भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होगा। पॉल ने अपनी जनहित याचिका में कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों कि 'लड्डू प्रसादम' बनाने में मिलावटी घी सहित घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, ने भक्तों के बीच गंभीर चिंता पैदा की है और इस पवित्र प्रसाद की पवित्रता को कलंकित किया है।
याचिका में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव और मौलिक धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन को रेखांकित किया गया है। इसमें संविधान के अनुच्छेद 25 का हवाला दिया गया है, जो धर्म का पालन करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। पॉल ने कहा, "तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम दुनिया भर के हिंदुओं के लिए सबसे बड़े स्थलों में से एक है। लड्डू प्रसादम सभी हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इसकी पवित्रता पर कोई भी समझौता न केवल लाखों भक्तों को प्रभावित करता है, बल्कि इस संस्था की प्रतिष्ठा को भी धूमिल करता है। मैंने भक्तों के हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए यह याचिका दायर की है कि राजनीतिक जोड़-तोड़ और भ्रष्टाचार हमारी पवित्र परंपराओं को कमजोर न करें।" मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि राज्य में जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत तिरुपति के लड्डू तैयार करने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जिससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए "घृणित आरोप" लगाने का आरोप लगाया और राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने अपने दावे का समर्थन करने के लिए एक प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रसारित की।