विजयवाड़ा: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रविवार को विजयवाड़ा के निकट केसरपल्ली में 'हिंदव संखारावम' का आयोजन किया। जनसभा में आंध्र प्रदेश के विभिन्न भागों से करीब 2 लाख लोग शामिल हुए। 'हिंदव संखारावम' में नौ सूत्री घोषणापत्र पारित किया गया, जिसमें 150 साधु-संत और विहिप के शीर्ष नेता शामिल हुए। वक्ताओं ने 'मन दीक्षा, देवालय रक्षा' के नारे के साथ हिंदुओं से मंदिरों की रक्षा करने का आह्वान किया। पूरा सभा स्थल 'जय श्रीराम' के नारों से गूंज उठा। जनसभा को संबोधित करते हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने आंध्र प्रदेश में मंदिर प्रबंधन पर चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया, 'राज्य के प्रत्येक मंदिर को अपनी आय का 7% सरकार को आवंटित करना होता है और 5% कॉमन गुड फंड में जाना होता है। इसके अलावा, मंदिरों को उच्च कर और बिजली शुल्क का भुगतान करना होता है। लेकिन, सरकार धर्मनिरपेक्षता की आड़ में हिंदू मंदिरों से अर्जित आय को अन्य समुदायों में बांट देती है और हिंदू संसाधनों को लूटती है।' आलोक कुमार ने मंदिर प्रशासन में सरकार के हस्तक्षेप की निंदा की, जहां धर्माचार्य नहीं, बल्कि कार्यकारी अधिकारी सभी निर्णय लेते हैं, जिससे व्यवस्था कमजोर होती है। उन्होंने कहा कि हालांकि मंदिरों के पास 10 लाख एकड़ भूमि है, लेकिन अतिक्रमण की सीमा अज्ञात है।