विशाखापत्तनम: काशिन श्रेणी के विध्वंसक पोत आईएनएस रणविजय को 21 दिसंबर, 1987 को तत्कालीन यूएसएसआर के पोटी में कमीशन किया गया था।
जहाज अपनी 37वीं वर्षगांठ मना रहा है, 5,000 टन वजनी इस गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत ने पिछले तीन दशकों में युद्ध योग्यता और परिचालन क्षमता का प्रतीक बनाया है, जो कि पोत के आदर्श वाक्य ‘संग्रामे वैभवस्य’ (युद्ध में गौरवशाली) के अनुरूप है।
रणविजय सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली शक्तिशाली मिसाइलों का एक समूह रखता है। पोत में एंटी-एयरक्राफ्ट और एंटी-मिसाइल गन भी लगे हैं और यह एंटी-सबमरीन रॉकेट के अलावा टॉरपीडो भी दागने में सक्षम है।
जहाज में कई तरह के सेंसर लगे हैं जो समुद्र में युद्ध के सभी क्षेत्रों को कवर करते हैं। जहाज में कामोव 28 हेलीकॉप्टर है, जिससे सनराइज फ्लीट की पनडुब्बी रोधी क्षमता में वृद्धि हुई है।