सीएम रेड्डी मंत्रिमंडल का फैसला, जातिगत जनगणना की मांग को लेकर विधानसभा में लाया जाएगा प्रस्ताव

जातिगत जनगणना की मांग को लेकर अब आंध्र प्रदेश सरकार भी केंद्र पर दबाव बढ़ाने जा रही है।

Update: 2021-10-28 14:33 GMT

जातिगत जनगणना की मांग को लेकर अब आंध्र प्रदेश सरकार भी केंद्र पर दबाव बढ़ाने जा रही है। जगन मोहन रेड्डी मंत्रिमंडल ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा में प्रस्ताव लाने का फैसला किया। इसे पारिक कर केंद्र को भेजा जाएगा। केंद्र से मांग की जाएगी कि वह जनगणना-2021 के साथ ही पिछड़ी जातियों की गणना भी कराए।

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले किए गए। इनमें जातीय जनगणना कराने, आनलाइन टिकट प्लेटफॉर्म की इजाजत देने और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (EWS) के कल्याण के लिए अलग विभाग बनाने के फैसले शामिल हैं।
आंध्र के मंत्री पेरनी वेंकटरमैया ने बताया कि पिछली जातीय जनगणना आजादी के पहले 1931 में हुई थी। उसके बाद से पिछड़ी जातियों की कोई गणना नहीं हुई है। विधानसभा में लाए जाने वाले प्रस्ताव का उद्देश्य पिछड़ी जातियों को उनका वाजिब हिस्सा देना और उनके कल्याण के कार्यक्रम चलाना है। इसे विधानसभा में पारित कर केंद्र को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग में 41 हजार रिक्त पदों पर भर्ती का फैसला किया है, जबकि बीते ढाई वर्ष में 26,917 पद भरे जा चुके हैं।
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