दक्षिण के राज्यों में प्री-स्कूल में सबसे अधिक उपस्थिति आंध्र प्रदेश में: सर्वे

आंध्र प्रदेश में प्री स्कूल में छात्रों की उपस्थिति सबसे अधिक है।

Update: 2022-05-17 06:44 GMT

हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में प्री स्कूल में छात्रों की उपस्थिति सबसे अधिक है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 को शनिवार को जारी किया गया है जिसमे यह आंकड़ा सामने आया है। 92 फीसदी बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से कम है उनके आंकड़े प्रशासन ने दर्ज किए हैं। पांच वर्ष से कम आयु के 92 प्रतिशत बच्चों का जन्म अधिकारियों ने पंजीकृत किया है, जो दक्षिणी राज्यों में दूसरा सबसे कम है। वर्ष 2019-20 के सर्वेक्षण में पाया गया कि तेलंगाना ने सबसे कम जन्म रजिस्ट्री दर 90 प्रतिशत दर्ज की है।

बता दें कि यह सर्वे जुलाई-नवंबर 2019 के बीच किया या है, जिसमे 10975 महिलाओं से उनके आंकड़े लिए गए जिसमे से 97.4 फीसदी महिलाओं ने इसमे अपना जवाब दिया। 1559 पुरुषों से इस बाबत आंकड़े लिए गए, जिसमे से 92.2 फीसदी ने अपना जवाब दिया। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि 2-4 साल की उम्र के 75.4 फीसदी बच्चे आंध्र प्रदेश में प्री स्कूल जा रहे हैं। जिसमे 74.5 फीसदी शहरी आबादी के बच्चे हैं जबकि 75.8 फीसदी ग्रामीण आबादी के बच्चे हैं। बाकी सभी दक्षिण भारत के राज्य में बच्चों के प्री स्कूल जाने की दर कम है। तेलंगाना में 69 फीसदी, कर्नाटक में 44.5 फीसदी बच्चे प्री स्कूल जाते हैं।
प्री स्कूल सेंटर की बात करें तो इसमे मुख्य रूप से आंगनवाड़ी सेंटर, वो बेहतर स्कूल जिसमे प्रशिक्षित टीचर हैं जो बेहतर शिक्षा प्ले मैथेड से दे रहे हैं। अंडमान एवं निकोबार आइलैंड में सबसे ज्यादा प्री स्कूल उपस्थिति है, यहां 89 फीसदी बच्चे प्री स्कूल जा रहे हैं,आंध्र प्रदेश और सिक्किम में 74 फीसदी बच्चे प्री स्कूल जा रहे हैं।
सर्वे में एक और दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है। सर्वे के अनुसार आंध्र प्रदेश में 15 वर्ष से अधिक आयु की घरेलू आबादी शराब का सेवन करती है। 15 वर्ष से अधिक आयु के 23.1 प्रतिशत पुरुषों ने शराब का सेवन किया, जबकि केवल 0.5 प्रतिशत महिलाओं ने इसका सेवन किया। 22.6 फीसदी पुरुष तंबाकू उत्पाद का सेवन करते हैं जबकि 3.9 फीसदी महिलाएं तंबाकू उत्पाद का इस्तेमाल करकती हैं।
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