3 राजधानियों संबंधी कानून को आंध्र प्रदेश सरकार ने लिया वापस, विधानसभा से बिल पारित

आंध्र प्रदेश विधानसभा ने विवादास्पद ‘आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास कानून, 2020’ को निरस्त करने के लिए सोमवार को एक विधेयक पारित किया.

Update: 2021-11-22 13:01 GMT

Andra Pradesh: आंध्र प्रदेश विधानसभा ने विवादास्पद 'आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों के समावेशी विकास कानून, 2020' को निरस्त करने के लिए सोमवार को एक विधेयक पारित किया. इस कानून का उद्देश्य राज्य के लिए तीन राजधानियां स्थापित करना था. हालांकि, मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा को बताया कि उनकी सरकार एक ''व्यापक, पूर्ण और बेहतर'' विकेंद्रीकरण विधेयक लाएगी. लोगों के व्यापक हितों की रक्षा के लिए 2020 के कानून को निरस्त किया गया है.

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ''राज्य के विकेंद्रीकृत विकास के हमारे इरादे को लेकर गलत सूचना फैलाई गई. कानूनी अड़चनें भी पैदा की गईं और मुकदमे दर्ज कराए गए.'' तीन राजधानी संबंधी कानून से किसान और जमीन मालिक नाराज थे और लगातार विरोध कर रहे थे. किसानों ने अमरावती से तिरुपति तक के लिए पैदल मार्च निकाला. इस बीच कानून रद्द करने संबंधी बिल विधानसभा ने पारित किया है.
पिछले 700 दिनों से अधिक समय से तीन राजधानियों के फैसले का विरोध कर रहे अमरावती क्षेत्र के किसानों का जिक्र किए बिना जगन मोहन रड्डे ने कहा कि सरकार सभी संबंधित हितधारकों को ''वास्तविक मंशा और विकेंद्रीकरण की आवश्यकता'' के बारे में बताएगी और नए विधेयक में आवश्यक बदलाव शामिल करेगी.इससे पहले सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने आपात बैठक की और सदन में पेश किए जाने वाले निरस्तीकरण विधेयक को मंजूरी दी.
सरकार ने पूर्व में संकेत दिया था कि आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां हो सकती हैं-विशाखापत्तनम में कार्यकारी राजधानी और अमरावती में विधायी राजधानी और कुरनूल में न्यायपालिका राजधानी. सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने आपात बैठक की और सदन में पेश किए जाने वाले निरस्तीकरण विधेयक को मंजूरी दे दी.


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