आंध्र प्रदेश विधानसभा से शेष बजट सत्र के लिए TPD के 5 विधायक निलंबित
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अमरावती: आंध्र प्रदेश विधानसभा से विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के पांच विधायकों को जंगारेड्डीगुडेम जहरी शराब कांड को लेकर कार्यवाही बाधित करने पर सोमवार को शेष बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। वित्तमंत्री बुगना राजेंद्रनाथ द्वारा एक प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद स्पीकर तम्मिनेनी सीताराम ने तेदेपा सदस्यों को निलंबित करने की घोषणा की।
तेदेपा विधायक जंगारेड्डीगुडेम शहर में अवैध शराब पीने से हुई मौतों पर सरकार से चर्चा करने की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास पहुंचे और आसंदी की ओर कागज के टुकड़े फेंके। सस्ती शराब पीने से 25 लोगों की मौत का मुद्दा उठाते हुए तेदेपा ने सरकार से बयान देने और इस मुद्दे पर बहस की मांग की।
हंगामे के कारण अध्यक्ष ने सदन को दो बार स्थगित कर दिया। जब सदन फिर से शुरू हुआ, तो विपक्षी विधायकों ने बजट पर बहस को बाधित करते हुए अपना विरोध जारी रखा। इसके बाद वित्तमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया।
तेदेपा के उपनेता अतचन नायडू, बुचैया चौधरी, पी. केशव, रामनैदु और वीरंजनेय स्वामी को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। बाद में मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने प्राकृतिक मौतों पर राजनीति करने के लिए तेदेपा की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल झूठा प्रचार कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी कई बार अवैध शराब से मौतें हुई हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार अवैध शराब के कारोबार से सख्ती से निपट रही है और उसने पहले ही कई शराब की दुकानों को बंद कर दिया है। रेड्डी ने कहा कि पिछली सरकार ने राजस्व के लिए अंधाधुंध शराब की दुकानों को अनुमति दी थी, यहां तक कि स्कूलों और मंदिरों के पास भी शराब की दुकानें खोली गईं। उन्होंने कहा कि अवैध शराब के व्यापार को नियंत्रित करना राज्य सरकार की नीति है, जब से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सत्ता में आई है, तब से 43,000 शराब की दुकानें बंद कर दी गई हैं।
इस बीच, तेदेपा महासचिव और विधान परिषद के सदस्य नारा लोकेश ने जंगारेड्डीगुडेम जहरी शराब त्रासदी में 25 लोगों की मौत की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री रेड्डी के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने वाईएसआरसीपी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि तेदेपा शवों पर राजनीति कर रही है और आरोप लगाया कि जगन मोहन रेड्डी शवों पर राजनीति करने के ब्रांड एंबेसडर हैं।
उन्होंने अवैध शराब से होने वाली मौतों को प्राकृतिक मौत करार देने की कोशिश के लिए सीएम और उनकी पार्टी के विधायकों को फटकार लगाई, ठीक उसी तरह, जैसे उन्होंने जगन रेड्डी के चाचा विवेकानंद रेड्डी की हत्या को दिल के दौरे से मौत बताने की कोशिश की। लोकेश ने कहा कि दोषी वाईएसआरसीपी के सदस्य सदन में जंगारेड्डीगुडेम जहरीली शराब से हुई मौतों पर पूर्ण बहस के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि तेदेपा सदस्य चार घंटे से अधिक समय तक बहस की अपनी मांग पर अड़े रहे, लेकिन सत्ताधारी पार्टी भी अपनी जिद पर अड़ी रही। लोकेश ने कहा कि जाहिर तौर पर वाईएसआरसीपी सरकार सार्थक चर्चा से भाग रही है।
लोकेश ने यह भी वादा किया कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने तक उनकी पार्टी अपना आंदोलन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि तेदेपा सरकार से मांग कर रही है कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाए और मामले से जुड़े तथ्यों को सामने लाने के लिए न्यायिक या सीबीआई जांच का आदेश दिया जाए।