आंध्र प्रदेश में 17 टॉप कंपनियों ने 37 हिस्ट्री शीटर्स को नौकरी पर रखा
आंध्र प्रदेश में लीडिंग बिजनेस हाउसेस ने एक जॉब फेयर का आयोजन किया।
आंध्र प्रदेश में लीडिंग बिजनेस हाउसेस ने एक जॉब फेयर का आयोजन किया। इस जॉब फेयर में न सिर्फ टॉप कॉलेजों के इंजिनियरिंग और एमबीए करने वाले छात्रों को मौका दिया गया बल्कि आपराधिक इतिहास वाले युवाओं को भर्ती किया किया गया। कंपनियों ने ऐसे युवाओं को नौकरी दी, जो अपना अतीक पीछे छोड़कर नई शुरुआत करना चाहते थे।
इस जॉब फेयर में 17 कंपनियों ने भाग लिया। इसमें 37 से ज्यादा हिस्ट्री-शीटर्स' को कंपनियों ने नौकरी दी। युवाओं को प्लेसमेंट लेटर जारी किए गए। केवल कुछ कंपनियों ने आपराधिक अतीत वाले लोगों को चुना क्योंकि इन युवाओं को पुलिस का समर्थन प्राप्त था।
आंध्र प्रदेश पुलिस ने की अनोखी पहल
आंध्र प्रदेश में यह पहली बार है कि हिस्ट्रीशीटरों को नौकरी के अवसर दिए गए हैं। पुलिस ने इन युवाओं को अपराध से दूर करने के लिए लगातार दो महीने तक काउंसलिंग की। काउंसलिंग के बाद युवाओं ने अपराध का रास्ता छोड़कर जीवन में नई शुरुआत करने की ठानी।
45 हिस्ट्री शीटर्स चुने गए, 37 जॉब मेले में पहुंचे
कांति राणा टाटा ने कहा कि उन्होंने इस परियोजना को पायलट आधार पर शुरू किया है। चुने गए 45 राउडी शीटर्स में से 37 जॉब मेले में शामिल हुए और उन सभी को या तो ऑफर लेटर मिले या अगले दौर के लिए चुना गया। आपराधिक अतीत वाले 25 वर्षीय व्यक्ति राकेश (बदला हुआ नाम) ने कहा कि वह अपने कौशल का उपयोग करके अपना करियर बनाने की उम्मीद कर रहा था। उन्होंने कहा, 'मैं अपने अतीत को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहता था। अब नौकरी के बाद शादी करके अपना परिवार आगे बढ़ाऊंगा।'
दो साल में अच्छा आचरण करने वालों को दिया मौका
पुलिस उपायुक्त बाबू राव और अतिरिक्त उपायुक्त के श्रीनिवास ने परियोजना का समन्वय किया। श्रीनिवास ने बताया कि उन्होंने पिछले दो वर्षों से अच्छा रेकॉर्ड वाले व्यक्तियों का चयन किया है। उन्होंने कहा, 'चूंकि उन्हें पुलिस के रिफरेंस से नौकरी मिली है, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में भर्ती करने वालों को कोई समस्या न हो और हमने केवल उन लोगों को चुना है जो वास्तव में खुद को बदलने के इच्छुक हैं।'
पुलिस कमिश्नर ने शुरू किया पायलट प्रॉजेक्ट
विजयवाड़ा शहर के पुलिस आयुक्त कांति राणा टाटा ने बताया। जॉब फेयर आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम के सहयोग से आयोजित किया गया था। यह परियोजना राणा टाटा के दिमाग की उपज थी और इसे चुनिंदा पुलिस स्टेशनों के तहत पायलट आधार पर लिया गया था।
नौकरी से पहले कई बार की गई काउंसलिंगफेयर से पहले हिस्ट्रीशीटरों के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए थे। आपराधिक प्रवृत्तिवाले युवाओं का सकारात्मक दृष्टिकोण बनाने के लिए पुलिस ने मनोवैज्ञानिकों, मनोचिकित्सकों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ बातचीत की और फिर उनकी नौकरी की व्यवस्था की।