28 साल के सुनील साई मरने के बाद भी 4 लोगों को दे गए नई जिंदगी

Update: 2022-02-21 10:18 GMT

सीकर के 28 साल के सुनील साई मरने के बाद भी 4 लोगों को नई जिंदगी दे गए हैं। सड़क दुर्घटना में घायल हुए सुनील को 16 फरवरी को जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। उसे डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। डॉक्टरों की टीम ने सुनील के परिजनों से बातचीत करके उसके ऑर्गन्स को डोनेट करने के लिए समझाया। परिजनों की सहमति से सुनील के चार ऑर्गन्स हार्ट, लिवर और दोनों किडनी दूसरे मरीजों काे डोनेट की गई। सुनील के हार्ट को जयपुर के एक निजी हॉस्पिटल भिजवाया गया, जहां उसे दूसरे मरीज को लगाया गया। यह राजस्थान का 8वां मामला है, जब किसी मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ है। डॉक्टरों ने बताया कि 16 फरवरी को दूजोद (सीकर) में खेती का काम करके घर लौटते समय कार ने सुनील को टक्कर मार दी थी। सुनील गंभीर घायल हो गया था। उपचार के लिए सीकर के एसके हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। हालत ज्यादा गंभीर होने पर जयपुर रेफर कर दिया था। एसएमएस हॉस्पिटल में डॉक्टरों के प्रयास के बावजूद सुनील को बचाया नहीं जा सका। 19 फरवरी को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। ब्रेन डेड होने के बाद हॉस्पिटल के ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर्स की टीम के सदस्य डॉ. देवेन्द्र पुरोहित, डॉ. चित्रा सिंह समेत अन्य ने सुनील के परिजनों को ऑर्गन्स डोनेट करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि सुनील अब जीवित नहीं हो सकता है, लेकिन उसके ऑगर्न्स चार लोगों को नई जिंदगी दे सकते हैं। डॉक्टर्स की टीम के इस प्रयास से सुनील के परिजन ऑगर्न्स डोनेट करने के लिए राजी हो गए । राजस्थान में कार्यरत स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की ओर से सुनील के हार्ट को जयपुर स्थित जवाहर सर्किल के पास एक निजी हॉस्पिटल भिजवाया गया। वहीं, लिवर को जयपुर के सीकर रोड स्थित दूसरे निजी हॉस्पिटल में भिजवाया गया। वहीं, दोनों किडनी एसएमएस हॉस्पिटल में रखी गई। ऑर्गन डोनेट करने के बाद सुनील के शव को उसके परिजनों को सौंपने से पहले एसएमएस हॉस्पिटल में तैनात सुरक्षा गार्डों व हॉस्पिटल स्टाफ ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद रविवार को बॉडी परिवार को दे दी गई।

Tags:    

Similar News

-->