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फलों के पौधों को नॉर्मल पौधे के मुकाबले ज्यादा फर्टिलाइजर और पोषण की जरूरत होती है। आपने शायद ध्यान ना दिया हो, लेकिन फलों के पौधों की मिट्टी आम पौधों की तुलना में जल्दी सूखती है और उन्हें रोजाना पानी की जरूरत भी होती है। इसके साथ ही, आपको इसमें खाद भी ज्यादा डालनी होती है और इसे डालने का सही तरीका भी पता होना चाहिए।
जब भी हम खाद की बात करते हैं तो यह जरूरी नहीं कि हम किसी केमिकल फर्टिलाइजर को लेकर ही पौधों को न्यूट्रिशन दें। हम ऐसा भी कर सकते हैं कि घरेलू चीजों के इस्तेमाल कर अपने पौधों के लिए एक अच्छा फर्टिलाइजर तैयार कर लें।
हमने नोएडा सेक्टर 27 स्थित नर्सरी के माली कमलेश कुशवाहा से बात की। उन्होंने हमें नर्सरी वालों के कुछ सीक्रेट्स बताए जो अधिकतर लोग नहीं जानते। उन्होंने हमें बताया कि फलों के पौधों में किस तरह से फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे उनमें ज्यादा फल लगें और उनकी क्वालिटी भी अच्छी हो। उनके मुताबिक फलों के पौधों के लिए मिट्टी में बहुत न्यूट्रिएंट्स होने चाहिए और उसके लिए ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर ज्यादा अच्छे होंगे।
जब फलों के पौधों में आने लगे फूल तो क्या करें?
फलों के पौधों में तीन-चार महीने तक फूल नहीं आते हैं और अगर आपको अच्छी फ्लावरिंग चाहिए और फूल दिखने भी लगे हैं, तो आपको सबसे ऊपर की ब्रांच को थोड़ा-थोड़ा पिंच कर देना चाहिए। यानी फूलों के दिखते ही उनके ऊपर वाली ब्रांच को थोड़ा सा छांट दें। ध्यान रखें कि सबसे ऊपर वाली टहनी काटनी है और आप किसी भी हालत में फूलों को नुकसान नहीं पहुंचाना है। आप यह काम फूलों के आने से पहले भी कर सकते हैं, लेकिन अक्टूबर की शुरुआत तक ही इसे कर लिया जाए तो ही यह असरदार होगा। सर्दियों या गर्मियों में ऐसा करने से बचना चाहिए।
जब पौधे में फूल आ रहे हों, तो उसमें पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। वर्ना फूल झड़ जाएंगे।
जब फूलों से फल बन रहे हों, तब किसी भी तरह के नाइट्रोजन से भरपूर फर्टिलाइजर का इस्तेमाल ना करें। इससे फूल झड़ जाएंगे और पौधा अपना ध्यान बढ़ने में लगाएगा फल बनाने में नहीं।
चावल का पानी बहुत अच्छा फर्टिलाइजर हो सकता है
चावल को पकाने के बाद जो पानी बचता है उसे ठंडा करके पानी के तौर पर पौधों को दें। यह एक अच्छा ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर साबित होता है। इस पानी में भरपूर मात्रा में स्टार्च होता है जिसमें कुछ मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम भी मौजूद होता है। यही कारण है कि इससे पौधों की मिट्टी को बहुत पोषण मिलता है। यह गमले में भी इस्तेमाल किया जा सकता है और खाद के तौर पर जमीन पर लगे हुए पौधों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसे ही अगर आपके फल वाले पौधे में कैल्शियम की जरूरत है, तो अंडों को उबालने के बाद बचे हुए पानी को ठंडा कर पौधों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे कई सारे मिनरल्स मिट्टी में जा सकते हैं। ऐसे ही अंडों के छिलके को पौधों के आस-पास छिड़कने से कीड़े कम आते हैं।
फलों के पौधों के लिए अच्छा फर्टिलाइजर
आप खाने वाले चूने से आप अपने पौधों के लिए अच्छा फर्टिलाइजर बना सकते हैं। आपको करना यह है कि पानी में थोड़ा सा खाने वाला चूना घोलना है। लगभग 1 लीटर पानी में 1-2 ग्राम चूना ही मिलाएं। आपको इसे अच्छे से घोलना है और पौधे के आस-पास की मिट्टी की गुड़ाई करें और खराब पत्तियां, घास आदि को हटा दें। ध्यान रखें कि इसे तब बिल्कुल ना दें जब पौधे में फूल आ गए हों। इस फर्टिलाइजर को पौधे के फ्लावरिंग सीजन से पहले ही दें ताकि पौधा ठीक से फूल दे सके जिससे फल बनें।
अगर आपने फ्लावरिंग के बाद फर्टिलाइजर पौधे में दिया, तो पौधा पत्तियों को बनाने और ग्रोथ करने में ज्यादा मेहनत लगाएगा और फूल झड़ जाएंगे। फूलों से फल बनने का प्रोसेस पूरा नहीं हो पाएगा।