टॉयलेट सीट पर लापरवाही से इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं आप, डॉक्टर ने दी चेतावनी

टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करने वाली कई महिलाएं यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) के संपर्क में आ जाती है,

Update: 2022-02-23 18:41 GMT

टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करने वाली कई महिलाएं यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) के संपर्क में आ जाती है, खासतौर से जब वो सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करती हैं. ये सच है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में UTI का जोखिम ज्यादा होता है, लेकिन इसके बहुत कम प्रमाण मौजूद हैं कि उनके केवल टॉयलेट सीट पर बैठने से ऐसी दिक्कत हो सकती है.

इंस्टाग्राम पर 'डॉ. क्यूटेरस' के नाम से मशहूर डॉ. तनाया ने अपने एक पोस्ट में बताया कि कई कंपनियां टॉयलेट सीट सैनिटाइज करने वाले प्रोडक्ट बेचती हैं जिनका इस्तेमाल सीट को कीटाणु मुक्त रखने के लिए किया जाता है. लेकिन इसका उत्पादन आपको UTI से बचाने के उद्देश्य से नहीं किया जाता है.
डॉ. तनाया ने एक वीडियो में दिखाया कि महिलाएं जब टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करती हैं तो उनका यूरीन मार्ग इसके सम्पर्क में नहीं आता है. ऐसे में बैक्टीरिया टॉयलेट सीट से उड़कर उनके मूत्रमार्ग तक नहीं पहुंचते हैं, बल्कि पेशाब करने के बाद यूरीन एरिया की गलत तरीके से सफाई इसके लिए जिम्मेदार है. सफाई के तरीके में एक छोटा सा बदलाव आपको UTI से बचा सकता है.
एक्सपर्ट ने बताया कि टॉयलेट सीट का इस्तेमाल करने के बाद महिलाएं खुद को साफ करने के लिए पीछे (बट) से आगे की तरफ वाइप करती हैं. ऐसा करके वे बैक्टीरिया को प्राइवेट पार्ट तक ले जाती हैं. ऐसा ना करने से UTI के संपर्क में आने का जोखिम बहुत हद तक कम हो सकता है. अपने पोस्ट के कमेंट सेक्शन में डॉ. तनाया ने बताया कि पर्याप्त पानी पीने और पेशाब ना रोकने से भी UTI का जोखिम कम हो सकता है. उन्होंने बताया कि डीहाइड्रेशन और पेशाब रोकना दोनों ही UTI के बड़े कारक माने जाते हैं.
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