वर्ल्ड सेप्सिस डे: खरोंच को भी न करें अनदेखा, हो सकता है सेप्सिस; जानें लक्षण
उत्तर प्रदेश के आगरा में उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में जागरुकता गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें विशेषज्ञों ने कहा कि सेप्सिस खून का संक्रमण है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता पर प्रभाव डालता है। यह बीमारी बैक्टीरिया के रक्त में प्रवेश करने पर होती है। यह पूरे शरीर में फैल जाता है। ऐसे में खरोंच लगने पर इसे नजरअंदाज कतई न करें। कार्यक्रम का आयोजन अमेरिकेयर्स इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से किया गया।
मुख्य वक्ता निदेशक डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि कई बार चोट, घावों का इलाज सही तरीके से न होने पर भी लोग सेप्सिस की चपेट में आ जाते हैं। सेप्सिस के कारण दुनिया भर में सालाना कम से कम एक करोड़ मौतें होती हैं। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राजीव लोचन शर्मा ने सेप्सिस की पहचान और बचाव के बारे में जानकारी दी।
फिजीशियन डॉ. प्रकाश पुरसनानी और डॉ. प्राची गुप्ता ने कहा कि जांच कराकर इसके खतरे को टाला जा सकता है। सर्वश्रेष्ठ पोस्टर के लिए डॉ. विशाल गुप्ता ने अनुपम शुक्ला, नेहा, रिंकू, मदन, अर्चना, सविता, अंजना, रोली, स्वाति, अतीक आदि स्टाफ को प्रशस्तिपत्र प्रदान किए। कार्यक्रम में हरजीत सिंह सोढ़ी, लवकेश गौतम, डॉ. एल्डोज, सत्यप्रकाश आदि मौजूद थे।