सर्दियों की बनस्पित गर्मी के मौसम में ज्यादा लाभकारी, पानी की कमी होती है दूर
पानी की कमी होती है दूर
आम तौर पर मूली सर्दियों में बहुतायत में खायी जाती है। सर्दियों में मूली की आवक ज्यादा होती है। लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है। इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। भारत के साथ ही दुनियाभर में मूली लोकप्रिय है, लोग अपने पौष्टिक सलाड में मूली का उपयोग करते हैं। मूली के पत्तो की सब्जी बनाई जाती है। लेकिन कच्ची मूली खाना और मूली का रस पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद है। मूली के अंदर कई पोषक तत्वों की मौजूदगी होने से, शरीर को फायदा होता है। आयुर्वेद में मूली को औषधीय गुणों से भरपूर कहा गया है, क्योंकि कई सारे रोगो के इलाज में मूली का सेवन करना लाभदायी माना जाता है।
मूली में शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, आयरन, फॉस्फरस, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, फ्लोराइड, सेलेनियम और विटामिन सी की उपलब्धि है। जिससे हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है और कही बीमारियों से दूर रखने में सहायता करता है। मूली को काट के सलाद के रूप में खाया जाता है और उसके पत्तो की सब्जी भी बनाई जाती है। इसलिए मूली से सलाद और सब्जी दोनों बन सकती है। ऐसे ही शरीर के लिए भी यह कई तरह से लाभदायी है। हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज, बवासीर जैसे रोगो के उपचार में मूली खाने के फायदे अनेक है।
मूली मिट्टी के नीचे पैदा होने वाली एक पौधे वाली सब्जी है। यह विटामिन ए, बी और सी का मुख्य आहार स्त्रोत है। मूली में पत्ते, फूल और बीज पाए जाते हैं। यह सब कुछ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। हरी पत्तेदार सब्जियाँ शरीर को डिहाइड्रेड रखने में मददगार बनती हैं। मूली के पत्तो में अधिक पोषक तत्वों की मौजूदगी होती है। मूली की तासीर ठंडी होती है, गर्मियों के मौसम में मूली खाने के फायदे अधिक बढ़ जाते है। मूली दो प्रकार की होती है सफ़ेद मूली और लाल मूली। अपने कई औषधीय गुणों की वजह से दुनियाभर में यह प्रचलित है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।
सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली
आंखों के लिए मूली के फायदे
आंख हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, इसलिए आंखो की देखभाल करने से दृष्टि लब्मे समय तक ठीक रहती है। आज कल लोग कम्प्यूटर, टीवी और मोबाइल स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताते हैं। इसके कारण आंखों को हानि पहुंचती है, आगे जाकर यह बांझपन भी बन सकता है।
आंखों को स्वस्थ और सुन्दर रखने के लिए मूली खाना लाभदायी है। आंखों में से कचरा निकलने और आंखों को स्वच्छ बनाने के लिए, मूली का घरेलू नुस्खा आजमाना होगा। एक ताज़ी मूली का रस निकाल लीजिए, फिर उसे आंखों में लगाएं। इससे आंख स्वच्छ बन जाएगी और तेज भी होगी।
पेट दर्द दूर करता है
अयोग्य खान पान होने के कारण पेट के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। जिसकी वजह से पेट दर्द की समस्या होती है। जिसके कारण कब्ज, बवासीर और एसिडिटी की समस्या भी बढ़ सकती है। इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए खाने में मूली का सलाद जरूर शामिल करना चाहिए।
मूली खाने से पेट का दर्द और उससे होने वाली समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके घरेलू उपाय में मूली के रस के अंदर घी डाल कर पीना फायदेकारक होगा। मूली की सब्जी खाने से भी पेट की समस्याओ से राहत मिलती है।
मासिक धर्म में लाभकारी
महिलाओं में मासिक आना एक आम बात है। उन दिनों मासिक धर्म के कारण वह कमजोरी महसूस करती हैं। इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। जिससे मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन की समस्या होती है। मासिक धर्म के दौरान पचने में हलके हो ऐसे खुराक लेने की सलाह दी जाती है।
मूली की तासीर ठंडी होती है, जो मासिक धर्म में कमजोरी दूर करने और दर्द से राहत पाने के लिए उपयोगी बनती है। नियमित मासिक न आ रहा हो तो मूली खाने से पीरियड्स के विकार दूर होते हैं। मासिक में होते दर्द को भी यह कम करता है। घरेलू उपचार में मूली के बीज के चूर्ण को पानी के साथ लेना चाहिए।
मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।
हाई फाइबर
अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।
दिल के लिए फायदेमंद
मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे
मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाए
मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।
ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है
मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।
मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद
यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।
स्किन के लिए फायदेमंद
हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है। इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।
पथरी का इलाज
किडनी के फ़िल्टर में मेकेनिज्म की खराबी होने से यूरिन में रसायन की अधिकता हो जाती है। वह रसायन जमा हो कर पथरी का रूप धारण करते है। इसके कारण किडनी और मूत्राशय पर बुरा असर पड़ता है। पथरी का दर्द बहुत ही दर्दनाक होता है। इसके घरेलू उपाय में पथरी के दर्दियों को खूब पानी पीना चाहिए। साथ ही खाने में किडनी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा हो वैसा खुराक लेना चाहिए। पथरी के इलाज में मूली के बीज का थोड़े दिन सेवन करना लाभदायी होगा। पथरी के रोगियों को मूली का रस पीना चाहिए। इससे पथरी आराम से टूट कर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है।
एनीमिया दूर करने में सहायक
भारत में दिन प्रतिदिन एनीमिया बीमारी का प्रमाण बढ़ता जा रहा है। एनीमिया का मतलब साधारण शब्दों में कह तो शरीर में उतपन्न होने वाली लाल रक्त कोशिका में पाए जाते हीमोग्लोबिन की संख्या कम होना। इसे खून की कमी भी कहा जाता है। हीमोग्लोबिन की कमी दूर करने के लिए हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। मूली के पत्तों की सब्जी एनीमिया जैसे रोग को दूर करने में सहायक बनती है।
पीलिया में भी है लाभदायक
इसी के साथ पीलिया के रोगियों के लिए मूली अत्यंत ही लाभकारी है। जिन लोगों को पीलिया की शिकायत है, वो एक कप मूली का रस खाली पेट सुबह-सुबह नियमित रुप से पीएं। इससे पीलिया के रोग में लाभ मिलेगा। जिनको शारीरिक कमजोरी है, उनके लिए भी मूली रामबाण है। इसके लिए मूली के बीज को भूनकर पाउडर बनाकर मिश्री मिला लें और सुबह-शाम 1-1 चम्मच दूध के साथ सेवन करें। इससे शारीरिक कमजोर दूर होगी और तंदरुस्ती बढ़ेगी।
जानकारी के अनुसार अगर आपको सांस संबंधी परेशानी है या खांसी हो रही है तो आप मूली पर लगने वाली फली के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर छाया में सुखाएं, फिर उसे जला दें। उसके बाद राख को 8-10 गुना पानी में भिगो दें और 5-7 घंटे बाद ऊपरी राख को बाहर निकाल दें और जो नीचे बच जाए उस गाढ़े भाग को रख लें और नियमित रुप से इसका सेवन करें। यह श्वांस, खांसी बलगम में अत्यंत लाभकारी है। वहीं आधा किलो मूली के छार में 100 ग्राम पिप्पली को पीसकर शहद के साथ चाटें। यदि छोटा बच्चा है तो 100 से 200 मिली ग्राम और बड़ा है तो आधा ग्राम में ही दे दें। इससे श्वास व खांसी जैसी परेशानियां दूर हो जाएंगी।