क्यों करना चाहिए शालिग्राम के नियमों का पालन, जानें इससे जुडी कुछ बातें
काले रंग का गोल और चिकना सा दिखने वाला पत्थर शालिग्राम कहलाता है
जनता से रिश्ता वेब्डेस्क | काले रंग का गोल और चिकना सा दिखने वाला पत्थर शालिग्राम कहलाता है. शालिग्राम को भगवान विष्णु का साक्षात स्वरूप माना जाता है. मान्यता है कि जिस घर में भगवान विष्णु रहते हैं, वो घर तीर्थ के समान हो जाता है. लेकिन शालिग्राम की पूजा में कुछ विशेष सावधानियां बरतने की जरूरत है, वर्ना घर में दोष लगता है और अच्छी भली जिंदगी बर्बादी की राह पर चल पड़ती है. अगर आपके घर में भी शालिग्राम है तो यहां बताई जा रही बातों का ध्यान जरूर रखें.
1. घर को पवित्र रखें और जिस स्थान पर शालिग्राम हों, उसे मंदिर की तरह सजाएं. अपने आचार और विचार शुद्ध रखें.
2. शालिग्राम की पूजा का क्रम टूटने न दें. यानी नियमित तौर पर शालिग्राम की पूजा जरूरी है. नियमित तौर पर शालिग्राम महाराज को चंदन, पुष्प वगैरह चढ़ाएं. संभव हो तो रोजाना एक तुलसी का पत्ता जरूर अर्पित करें.
3. शालिग्राम महाराज पर कभी भी अक्षत नहीं चढ़ाने चाहिए. शास्त्रों में इसकी मनाही है. लेकिन अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो चावल को हल्दी से पीला रंग से रंगने के बाद ही अर्पित करें.
4. शालिग्राम को हमेशा मेहनत की कमाई से खरीदकर घर में लाना चाहिए. न तो किसी गृहस्थ व्यक्ति से इन्हें लें और न ही किसी गृहस्थ व्यक्ति को दें. लेकिन कोई संत या सिद्ध पुरुष अगर आपको शालिग्राम देते हैं, तो आप ले सकते हैं.
5. यदि आपके घर में शालिग्राम हैं और आप इनकी ठीक से देखभाल नहीं कर पाते हैं तो बेहतर होगा कि इसे किसी नदी में प्रवाहित कर दें या फिर किसी संत को दे दें, वर्ना घर में उल्टे प्रभाव नजर आएंगे.
इसलिए करना चाहिए शालिग्राम के नियमों का पालन
शालिग्राम का पत्थर ब्रह्मांडीय ऊर्जा का एक स्रोत माना जाता है. इसमें अपार ऊर्जा होती है जिसका असर घर के आसपास तक रहता है. इसलिए घर में पवित्र और सकारात्मक माहौल बनाए रखना जरूरी है. अगर आप इसे किसी भी प्रकार से दूषित करते हैं तो इसका असर आपको परिवार में नजर आने लगेगा और गृहकलह और घटना-दुर्घटनाओं का सिलसिला बढ़ सकता है. अच्छी खासी जिंदगी बर्बादी की राह पर जा सकती है. इसलिए अगर आप शालिग्राम के नियमों का पालन नहीं कर सकते तो उन्हें घर में न रखें वर्ना आपका जीवन तहस-नहस हो सकता है.
नेपाल में मिलता है शालिग्राम
हिंदू धर्म में भगवान की मूर्तियों को पूजने का चलन है, लेकिन इन मूर्तियों के चलन से पहले ब्रह्मा को शंख, विष्णु को शालिग्राम और महादेव को शिवलिंग के रूप में पूजा जाता था. शिवलिंग की तरह शालिग्राम भी काफी दुर्लभ होता है. ये अधिकतर नेपाल के मुक्तिनाथ क्षेत्र, काली गण्डकी नदी के तट पर पाया जाता है. नेपाल के मुक्तिनाथ क्षेत्र में ही शालिग्राम का एकमात्र मंदिर भी है.