क्यों फैल रहा आंखों का संक्रमण? जानिए आई फ्लू होने पर क्या करें और क्या नहीं
क्या करें और क्या नहीं
मौसम में बदलाव के साथ संक्रमण फैलना आम बात है, लेकिन अगर आंखों में कंजक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू हुआ है तो इसे हल्के में बिल्कुल न लें। आई फ्लू एक तेजी से फैलने वाला संक्रमण है, जो इस मौसम में तेजी से फैलता है। इस फ्लू को कंजक्टिवाइटिस भी कहा जाता है। इसमें आंखों में जलन, दर्द और लालिमा जैसी परेशानियां देखने को मिलती हैं। इस बीमारी का मुख्य कारण एलर्जिक रिएक्शन होता है। यह संक्रमण किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज्यादातर यह बच्चों को चपेट में लेता है। इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आंखों का इंफेक्शन आमतौर पर एक आंख से शुरू होता है और दूसरी आंख में फैल जाता है। बारिश की वजह से हवा द्वारा संक्रमण फैलाने वाले कीटाणु और जीवाणु बढ़ जाते हैं। आई फ्लू एक संक्रामक बीमारी है और यह संक्रमित सतह को छूकर ही फैलता है। इसलिए अगर आप किसी सतह को छूती हैं तो आंखों को छूने से पहले हाथों को अच्छी तरह साफ करें और बार-बार आंखों को छूने से बचें।
आई फ्लू का संक्रमण होने पर आंख में तेज दर्द, लालिमा होना, पानी के साथ चिपचिपा पीला पदार्थ आना, खुजली होना, धुंधला दिखाई देना, जलन होना, देखने में परेशानी होना, आंखों का चिपकना और आंख में कुछ चले जाने जैसा महसूस होता है।
आंखों को कई बार साफ एवं ठंडे पानी से धोएं और डॉक्टर द्वारा बताई आई ड्रॉप डालें। नियमित रूप से हाथों को धोएं, बिना हाथ धोए आंखें न छुएं, आंखों को मलने से बचें और जिन लोगों को आई फ्लू हो गया है, उनके संपर्क से दूर रहें।
अपना तौलिया, कपड़े, चादर, चश्मे, आई मेकअप के सामान, आई ड्रॉप को अलग रखें और इनको किसी से साझा न करें। बार-बार पलकें झपकने की आदत डालें। आंखों को कभी भी रगड़े नहीं, खुजली होने पर साफ पानी से छींटे मारकर साफ करें।
बारिश के मौसम में भीगने से और स्विमिंग पूल में नहाने से बचें। अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करती हैं तो उसकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। हर बार उपयोग करने से पहले कॉन्टैक्ट लेंस को रोगाणुमुक्त अवश्य कर लें। छोटे बच्चों को बार-बार हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करें और आंखों को बार-बार छूने से मना करें।
सभी सावधानियां बरतने के बाद भी अगर आप आई फ्लू का शिकार हो गई हैं तो सार्वजनिक स्थानों पर जानें से बचें। इससे संक्रमण स्वस्थ लोगों में फैल सकता है। अपनी आंखों पर काला चश्मा लगाकर ही बाहर निकलें। संक्रमित हैं तो हाथ मिलाने से बचें और सार्वजनिक स्थानों को न छूएं। सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आहार पर भी पूरा ध्यान होता है। ऐसे खाद्य पदार्थ को अपने दैनिक आहार में शामिल करें, जिनमें विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी की प्रचुर मात्रा हो।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजय तेवतिया कहते हैं आई फ्लू आमतौर पर तीन-चार दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अगर ठीक होने के बजाय संक्रमण की समस्या बढ़ती जा रही है और देखने में परेशानी हो रही है तो किसी अच्छे नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाना जरूरी होता है। एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि खुद कोई भी दवा न खाएं और न ही बिना डॉक्टर की सलाह के कोई आई ड्रॉप डालें। गलत दवा या आई ड्रॉप आपके संक्रमण को और बढ़ा सकते हैं। इस समय आंखों में गुलाब जल भी नहीं डालना चाहिए।
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