प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स की कुछ ज़्यादा ही उठा-पटक होती है, जिस वजह से उनका एक मन तो सेक्स करना चाहता है, दूसरा मन कहता है इससे कहीं होनेवाले बच्चे को कोई नुक़सान तो नहीं पहुंचेगा. जिस तरह पीरियड सेक्स को लेकर कई ग़लतफ़हमियां हैं, उसी तरह प्रेग्नेंसी सेक्स से जुड़ी कई ग़लतफ़हमियां परेशान करती हैं. आइए, आज उनमें से कुछ के बारे में बात करते हैं.
पहली ग़लतफ़हमी: प्रेग्नेंसी के दौरान इंटरकोर्स करने से गर्भाशय में पल रहे भ्रूण को नुक़सान पहुंच सकता है
साइंस के नज़रिए से देखा जाए तो प्रेग्नेंसी के दौरान पेनिट्रेटिव सेक्स करने से होने वाले बच्चे को कोई नुक़सान नहीं पहुंच सकता, क्योंकि बेबी एम्निऑटिक सैक में पूरी तरह सुरक्षित होता है. इसके अलावा सर्विक्स यानी गर्भाशय का मुंह भी अच्छी तरह से सील बंद होता है. तो क्या इसका मतलब है कि आप बेझिझक सेक्स का आनंद ले सकती हैं? जवाब है नहीं. आपको अपने गायनाकोलॉजिस्ट से इस बारे में सलाह लेनी चाहिए. अगर आपका गर्भाशय कमज़ोर हो या ब्लीडिंग व स्पॉटिंग होती हो तो आपको प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने को लेकर दो बार सोचना चाहिए. आपको अतिरिक्त सावधानी की ज़रूरत होगी.
दूसरी ग़लतफ़हमी: प्रेग्नेंसी सेक्स के दौरान काफ़ी दर्द होता है
नहीं ऐसा कुछ नहीं है. प्रेग्नेंसी सेक्स के दौरान दर्द तो नहीं होता, पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि यह बेहद असहज होता है. आपका बढ़ा हुआ पेट पेनिट्रेशन में रोड़ा अटका सकता है, पर इससे बचने के लिए आप अलग और सहज पोज़िशन्स ट्राय कर सकती हैं. इस बारे में भी आपको अपने गायनाकोलॉजिस्ट से सलाह लेनी चाहिए.
ज़्यादातर महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान पोज़िशन में बदलाव करके सेक्स का लुत्फ़ उठाना पसंद करती हैं, क्योंकि ऐसा उनका शरीर करने के लिए कहता है. शरीर द्वारा कहने के लिए कहने का अर्थ है उस दौरान महिलाओं के शरीर में फ़ील-गुड हार्मोन्स ऑक्सिटॉसिन की मात्रा सामान्य दिनों की तुलना में काफ़ी अधिक होती है. इससे वे सेक्स का आनंद ज़्यादा लेती हैं. तो आप दर्द के बारे में न सोचें, अपने लिए एक कम्फ़र्टेबल पोज़िशन की तलाश करें.
तीसरी ग़लतफ़हमी: प्रेग्नेंसी सेक्स, जल्दी लेबर का कारण बन सकता है
यह सच है कि प्रेग्नेंसी के दौरान अनप्रोटेक्टेड सेक्स (बिना कॉन्डम के) करने से पार्टनर का स्पर्म जब आपके अंदर जाता है, तब उसमें मौजूद हार्मोन्स के चलते कॉन्ट्रैक्शन जैसा फ़ील हो सकता है, पर यह कॉन्ट्रैक्शन लेबर के दौरान के कॉन्ट्रैक्शन के सामने कुछ भी नहीं है. हां, आपको यह सावधानी रखनी चाहिए कि पार्टनर को अपने ब्रेस्ट्स को ज़्यादा उत्तेजित करने से मना करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से ऑक्सिटॉसिन का प्रोडक्शन अचानक बढ़ जाता है. यह बढ़ा हु्आ ऑक्सिटोसिन भी कॉन्ट्रैक्शन का कारण बनता है. अगर आपको मिस कैरेज की हिस्ट्री हो तो बिना डॉक्टर की सलाह के प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स की सोचें भी नहीं.
आज से कुछ साल पीछे जाएं या एक दो पीढ़ी पीछे के लोगों से ही पूछा जाए तो उनके लिए पिता अनुशासन, भय और सम्मान का मिला-जुला व्यक्तित्व था या है. लेकिन अब पिता का व्यवहार बदला है और प्रतिक्रिया स्वरूप बच्चों का व्यवहार भी उनके प्रति बदल गया है. अब पिता पहले से ज्यादा अपना प्रेम प्रदर्शित करने लगे हैं. मैं अपने क्लीनिक पर आए पिताओं को देखता हूं तो वे पहले के पिताओं से भिन्न हैं. पहले के पिता अपने बच्चों से एक दूरी बनाकर रखते थे, उन्हें प्रेम से गोद में उठाकर नहीं लाते थे, उनकी समस्याओं को सुनाते हुए भावुक नहीं होते थे और न ही उनकी समस्याओं
वक़्त के चलते कितने बदले हैं पिता?
आदिम विकास के दौरान पिता का काम परिवार की सुरक्षा और भोजन की व्यवस्था करना था और मां का काम भोजन को पकाना और बच्चों की परवरिश करना. बच्चों की देखभाल और प्रेम मां का काम था. यह दोनों ही अपने काम अच्छी तरह निभा रहे थे. यह विकासक्रम लाखों सालों तक चला लेकिन औद्योगिक क्रांति और फिर संचार क्रांति ने सब कुछ बदल दिया. अब पिता के साथ साथ मां भी कमाने लगी है और पुरुषों के एकक्षत्र प्रभाव वाले क्षेत्रों में महिलाओं ने भी धमाकेदार प्रवेश कर लिया है. अब वे भी अच्छी खासी तनख्वाह पा रही हैं कई महिलाओं की तनख्वाह तो पतियों से भी ज्यादा है. इसलिए घर का माहौल बदला है इस बदलाव को कई पुरुषों ने स्वीकार करके स्वयं को बदल दिया है और जो नहीं बदल रहे हैं वे बच्चों की निगाह में विलेन बनते जा रहे हैं, एक ऐसा पिता जिसे बच्चों से प्रेम नहीं है और जो बहुत खड़ूस है, उनके मित्रों के पिताओं से अलग.
पुरुषों के भावनात्मक बदलाव की वजह एक यह भी है कि उनमें अपने पूर्वजों के मुक़ाबले टेस्टोस्टेरोन (पुरुष और पौरुष हार्मोन) का स्तर घटा है और संतान प्रेम के लिए जिम्मेदार ऑक्सिटोसिन हार्मोन (वात्सल्य हॉर्मोन) का स्तर बढ़ा है.
विकासक्रम के चलते अब भी संतान अपने दबंग पिता को पसंद करती हैं जिसका समाज में रुतबा, सम्मान और शान हो लेकिन उन्हें घर के हिटलर अब पसंद नहीं है. वे पिता में अब मां के कुछ गुण देखना चाहते हैं. एक प्रेम करने वाला मज़बूत पिता.
प्रिय और सम्मानीय पुरुषों क्या आप चाहते हैं कि आपकी संतान आपसे असीम प्रेम करें... तो थोड़ा सा मां बन जाइए.चौथी ग़लतफ़हमी: ऑर्गैज़्म से मिस कैरेज हो सकता है
ऑर्गैज़्म के दौरान भी यूटरस में कॉन्ट्रैक्शन होता है, पर यह इतना शक्तिशाली नहीं होता कि आपके बेबी को कोई नुक़सान पहुंचाए. हां, यहां भी उसी सावधानी की बात करनी होगी कि अगर आप हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी वाली कैटेगरी में आती हैं तो आपको सेक्स से बचना ही ठीक रहेगा. वरना सामान्य मामलों में ऑर्गैज़्म के दौरान एन्डॉर्फ़िन के रिलीज़ होने से न केवल आपका मूड ख़ुशगवार बनेगा, बल्कि बेबी भी हैप्पी-हैप्पी फ़ील करेगा.