क्या है ये गोल्डन मिल्क? जिसे कोरोना काल में पिने की एक्सपर्ट दे रहे है सलाह
गोल्डन मिल्क
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच बीते एक से डेढ़ साल के अंदर आयुर्वेद का महत्व और भी बढ़ गया है. घर में मौजूद स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद चीजों के सेवन की सलाह दी जाती रही है. हालांकि अलग-अलग तरह के हेल्थ स्टेटस वाले लोगों को कुछ चीजों की मनाही भी रहती है और इसलिए विशेषज्ञ की सलाह पर ही देसी नुस्खों का सेवन करने को कहा जाता है. बहरहाल, ये तो हम सभी जानते हैं कि इस महामारी काल में इम्यूनिटी को मजबूत रखना बहुत जरूरी हो गया है.
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ज्यादातर घरों में 'गोल्डन मिल्क' का सेवन किया जा रहा है. बीमारियों से बचने और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए आयुष मंत्रालय भी गोल्डन मिल्क का सेवन करने की सलाह दे चुका है. भारत के इस देसी नुस्खे का महत्व दुनिया जान चुकी है और इसे दुनियाभर के कई देशों में पसंद किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होने की वजह से पश्चिमी देशों में भी इसकी मांग बढ़ी है.
क्या होता है ये गोल्डन मिल्क?
आप अगर इसके बारे में नहीं जानते हैं तो अबतक सोच रहे होंगे कि क्या तब से गोल्डन मिल्क-गोल्डन मिल्क लगा रखा है… आखिर ये होता क्या है! दरअसल 'गोल्डन मिल्क' के नाम से मशहूर हो चुका ये पेय 'हल्दी वाला दूध' है. वही हल्दी वाला दूध, जिसे आपके घर के बुजुर्ग सर्दी-जुकाम, बदन दर्द, चोट लगने जैसी समस्याओं में पीने की सलाह दिया करते हैं.
इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है हल्दी वाला दूध
आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर हल्दी शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है. पिछले साल जब कोरोना की लहर चल रही थी, तब आयुष मंत्रालय ने हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दी थी. आयुष मंत्रालय की ओर से देशभर की 135 लोकेशन पर 104 से ज्यादा सोशल स्टडीज भी कराई थी, जिसके मुताबिक बड़ी संख्या में लोग इसे अपनाते हैं.
आयुष मंत्रालय ने इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश खाने (डायबिटीज रोगियों को बिना शुगर वाला च्यवणप्राश), काढ़ा जैसी चीजों के सेवन पर भी बल दिया था. मंत्रालय ने दिन में एक या दो बार हर्बल चाय पीने या तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, अदरक और किशमिश का काढ़ा पीने की सलाह दी थी.
साथ ही 150 मिलीलीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पीने की भी सलाह दी थी. हालांकि यह कोरोना से बचाव की गारंटी नहीं देती है, लेकिन एक्सपर्ट बताते हैं कि महामारी काल में इम्यूनिटी मजबूत रखना बहुत जरूरी है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हल्दी में क्योरक्यूमिन नाम का तत्व बड़ी मात्रा में पाया जाता है. इसके छोटे-छोटे अणु जलन, तनाव, दर्द और भी कई तरह की तकलीफें दूर करने में काफी मददगार होते हैं.
एंटी ऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर
वेबसाइट हेल्थ लाइन के मुताबिक, गोल्डन मिल्क यानी हल्दी वाले दूध में एंटी ऑक्सिडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं. यह कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता हैं और बॉडी को तनाव (oxidative stress) से मुक्त रखता है. हल्दी वाले दूध में एंटी इंफ्लामेट्री गुण भी पाए जाते हैं.
यह चोट लगने, सूजन कम करने के लिए इस्तेमाल होता है. ह्रदय रोग (heart disease), अल्जाइमर और मेटाबोलिक सिंड्रोम में भी इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है. यह दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है. अगर इसमें दालचीनी और अदरक भी मिलाया जाए तो और ज्यादा फायदे होते हैं. दालचीनी पार्किंसन रोग (Parkinson's disease) के लक्षण को कम करता है, जबकि अदरक मिलाने से दिमाग के काम करने की क्षमता बढ़ती है.