क्या है पारिजात के फूलों का पूजा में महत्व जानें इसके रोचक रहस्य
क्या है पारिजात के फूलों
हिन्दू धर्म में पारिजात के बारे में बहुत कुछ बताया गया है। पारिजात वृक्ष को दिव्य कहा गया है। मान्यता है कि पारिजात एक ऐसा पेड़ है जो किसी भी इच्छा को पूरा कर सकता है।
जहां एक तरफ इस पेड़ को चमत्कारी माना गया है तो वहीं, इस पेड़ के फूलों को भी बहुत लाभदायक और करिश्माई माना गया है। इस पेड़ के फूलों को पूजा में पर्योग करने से भगवन की कृपा मिलने लगती है।
ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस पारिजात के फूलों का पूजा में महत्व और उससे जुड़े रोचक रहस्यों के बार एमें विस्तार से। साथ ही, जाननें इससे जुड़े कुछ उपायों के बारे में।
पुराणों के अनुसार, पारिजात की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। यह पेड़ सबसे पहले स्वर्ग गया था फिर वहां से धरती पर आया।
इस वृक्ष का संबंध श्री राम और माता सीता से भी जुड़ा हुआ है। वनवास के समय इस वृक्ष के दर्शन श्री राम ने माता सीता के साथ किये थे।
माता सीता बनवास के दिनों में इस वृक्ष के फूलों को चुनकर माला गूंथती थीं और श्रृंगार किया करती थीं।
यही कारण है कि इस फूल को श्रृंगार हार और हरसिंगार (हरसिंगार के टोटके) के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि माता सीता ने ही पारिजात के फूलों का पूजा में प्रयोग शुरू किया था।
significance of parijat in puja in hindi
पारिजात का फूल माता लक्ष्मी को भी बहुत प्रिय है। इसका पूजा में प्रयोग करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
मान्यता है कि पारिजात के फूलों का पूजा में प्रयोग करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और कुबेर के द्वार खुलते हैं।
पारिजात के फूलों का पूजा में प्रयोग करने से हर देवी-देवता शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और ग्रह भी खुश रहते हैं।
पारिजात को लेकर एक रहस्य भी है जिसके मुताबिक यह श्रापित पेड़ है। यह श्राप इंद्र देव ने पारिजात को दिया था।
कथा है कि जब श्री कृष्ण (श्री कृष्ण और सूरथ की कथा) पारिजात को अपने साथ धरती पर लेकर गए थे तब इंद्र ने पारिजात को भयंकर श्राप दिया था।
significance of parijat in puja
श्राप यह था कि पारिजात के फूल मात्र रात में खिलेंगे और सुबह तक झड़ जाएंगे।
हालांकि पारिजात एक मात्र ऐसा फूल है जिसे जमीन पर गिरे होने के बाद भी पूजा में प्रयोग किया जा सकता है।
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माना जाता है कि पारिजात पहले कोई पेड़ नहीं बलि देवता था जिसने सूर्य की पुत्री से विवाह न हो पाने के कारण शरीर त्याग दिया था।
पारिजात ने जब शरीर त्यागा तब उसकी राख से एक पौधा जन्मा जो पारिजात वृक्ष बना।
यह एक मात्र ऐसा पेड़ है जिसके दर्शनों से या फूलों के पूजा में इस्तेमाल से हर मनोकामना सिद्ध होती है।
तो ये था पूजा में पारिजात के पूजा का महत्व और उससे जुड़े रहस्य। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।