स्मोकिंग से
शोध के अनुसार, भारत में लगभग 34.6 प्रतिशत युवा आबादी स्मोकिंग जैसी आदतों का शिकार हो रही है। यदि बात भारत की कि जाए तो स्मोकिंग करने वालों लोगों में से यह प्रमुख स्थान पर है। दुनिया के लगभग 12% स्मोकिंग करने वाले लोग भारत में रहते हैं। स्मोकिंग, तंबाकू जैसी चीजों का सेवन दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा पैदा करता है।
डायबिटीज से
डायबिटीज की बीमारी कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है। कई लोगों की दिल से जुड़ी बीमारियों का भी खतरा रहता है। कार्डियोवैस्कुलर जैसी खतरनाक बीमारी का कारण डायबिटीज भी है। विश्व संगठन के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र वाले 10 में से एक युवा को डायबिटीज की समस्या है। डायबिटीज के मामले भारत में 80 मिलीयन से भी ज्यादा हैं। मोटापा , असंतुलित आहार, बढ़ता वजन, तंबाकू जैसी चीजें डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा रही हैं।
मोटापे से
देश में मोटापे से भी कई लोग ग्रस्त हैं। आकड़ों के अनुसार, भारत की शहरी आबादी के लोगों को मोटापे का खतरा बहुत ही ज्यादा है। शहरी आबादी की अगर बात करें तो लगभग 30-36 प्रतिशत लोगों में मोटापा या फिर अधिक वजन की समस्या बहुत ही ज्यादा है। इसी बीमारी के कारण कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
हाई ब्लड प्रेशर से
यदि बात भारत की करें तो 18 साल से ज्यादा उम्र के हर चार में से एक व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी के कारण भी कार्डियोवैस्कुलर डिसीज का खतरा बढ़ता जा रहा है। गलत लाइफस्टाइल और खानपान के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या लोगों में देखने को मिलती है।
गलत खानपन
भारत के लोगों में खानपान की गलत आदतें और बदलता हुआ लाइफस्टाइल भी दिल से जुड़ी बीमारियों का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। खानपान का खराब पैटर्न और ज्यादा मात्रा में कार्ब्स का सेवन करने से हार्ट की बीमारियां फैलती हैं। इसके अलावा ज्यादा तेल और मसालों का सेवन भी इस बीमारी को बढ़ाने का काम करता है।
कैसे करें बचाव
असंतुलित आहार का सेवन करना और बदलता लाइफस्टाइल भारतीय लोगों में दिल की बीमारियों का शिकार बना रहा है। इस बीमारी से बचने के लिए आपको इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
. खानपान और लाइफस्टाइल बदलें।
. अल्कोहल का सेवन न करें।
. स्मोकिंग से परहेज करें।
. जंक फूड और डिब्बा बंद फूड से परहेज करें।
. ज्यादा चीनी और नमक भी न खाएं।
. ताजे फल और सब्जियां आहार में शामिल करें।
. नियमित तौर पर एक्सरसाइज और योग करें।
. पॉजिटिव रहें और तनाव, स्ट्रैस को भी खुद से दूर रखें।
. समय-समय पर अपने हार्ट की जांच करवाते रहें।
.यदि तनाव और चिंता बढ़ती है तो हेल्थ एक्सपर्ट्स से जांच जरुर करवा लें।