क्या होती है केन शुगर और कैसे यह सफेद चीनी से है बिल्कुल अलग

Update: 2023-08-20 16:06 GMT
लाइफस्टाइल: आपके डेजर्ट या मिठाइयों में मिठास न हो, तो वो कितनी बेस्वाद लगेंगी। चीनी किसी भी डेजर्ट का स्वाद बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है। हालांकि इसके कई नुकसान भी गिनवाए जाते हैं। जरूरत से ज्यादा मीठा खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है, इसलिए सफेद चीनी के विकल्प भी लोग लेने लगे हैं। सफेद चीनी जिसे टेबल शुगर भी कहा जाता है, क्या आपको पता है कैसे बनाई जाती है? सफेद चीनी रिफाइंड गन्ने या बीट्स से आती है, जिसमें से फूड प्रोसेसर के द्वारा एक प्राकृतिक स्वीटनर सुक्रोज एक्सट्रैक्ट किया जाता है।
इसके विकल्प के तौर पर लोग ब्राउन शुगर को अच्छा मानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी केन शुगर के बारे में सुना है? केन शुगर क्या है और इसे कैसे बनाया जाता है, यह पता है? देखने में यह ब्राउन शुगर की तरह लगेगी, लेकिन उससे बिल्कुल अलग है।
आज इस आर्टिकल में चलिए हम केन शुगर के बारे में जाने और पढ़ेंगे कि कैसे यह व्हाइट और ब्राउन शुगर से अलग होती है। इसके बनने के प्रोसेस से लेकर इसे स्टोर करने के तरीकों को भी आप यहां पढ़ेंगे।
क्या है केन शुगर?
गन्ने की चीनी में शर्करा की एक बड़ी रेंज शामिल होती है, जो सभी गन्ने से बनाई जाती है। गन्ने को काटकर उसका जूस निकाला जाता है और फिर उसे तब तक उबाला जाता है, जब तक कि वह डार्क न हो जाए। यह एक तरह का अनरिफाइन्ड गुड़ होता है। इसके बाद बारी आती है इस गुड़ को क्रिस्टलाइज करने की। गुड़ से क्रिस्टल को अलग करने के लिए सिरप को सेंट्रीफ्यूज (सेंट्रीफ्यूज एक वैज्ञानिक उपकरण है जिसका उपयोग फ्लूइड्स, गैस या लिक्विड को अलग करने के लिए किया जाता है।) में घुमाया जाता है।
केन शुगर के तीन मुख्य प्रकार होते हैं- अनरिफाइन्ड, रॉ और रिफाइन्ड। इन शुगर्स को प्रोसेस करने के तरीके में भिन्नता होती है। प्रोसेसिंग के दौरान इन्हें अच्छी तरह से साफ किया और धोया जाता है, ताकि इनमें से गंदगी अच्छी तरह साफ हो सके।
केन शुगर का स्वाद कैसा होता है?
केन शुगर मीठा होता है और इसकी हर वैरायटी में मिठास भी अलग होती है। रिफाइंड, रॉ और अनरिफाइन्ड शुगर में आपको मिठास भी कम ज्यादा लगती है। आम तौर पर चीनी जितनी कम रिफाइंड होगी, गुड़ का स्वाद उतना ही अधिक बरकरार रहेगा। रिफाइंड चीनी में 99.95 प्रतिशत सुक्रोज होता है, इसलिए इसका स्वाद शुद्ध, साफ, मीठा होता है।
सफेद और ब्राउन शुगर से कैसे है अलग?
केन शुगर का रिफाइंड फॉर्म ही व्हाइट शुगर या टेबल शुगर कहलाता है। फूड प्रोसेसर से चीनी को रिफाइन करने के बाद, उसे सफेद बनाने के लिए कार्बन फिल्ट्रेशन सिस्टम के माध्यम से चलाया जाता है। इस तरह हमें केन शुगर से व्हाइट शुगर मिलती है। अब ब्राउन शुगर भी केन शुगर से मिलता है। सफेद दानेदार चीनी बनाने के लिए उसे रिफाइन किया जाता है, लेकिन ब्राउन शुगर बनाने के लिए केवल गन्ने के गुड़ का उपयोग किया जाता है। गन्ने का गुड़ ही ब्राउन शुगर को उसका रंग देता है, लाइट ब्राउन शुगर बनाने के लिए इसकी आवश्यकता कम होती है और डार्क ब्राउन शुगर (ब्राउन शुगर के हेल्थ बेनिफिट्स) के लिए इसकी अधिक आवश्यकता होती है।
केन शुगर को कुकिंग में कैसे उपयोग करें?
जैसे आप व्हाइट या ब्राउन शुगर का उपयोग करते हैं, ठीक वैसे ही इसे भी करें। इसे कुकीज़, केक और अन्य डेसर्ट्स में जोड़ा जाता है। यह साधारण चीनी की तरह की पानी में घुलनशील होती है। आप इसे मफिन्स (कपकेक और मफिन्स में क्या है अंतर) और ब्रेड्स में ऊपर से गार्निश की तरह डाल सकते हैं। इतना ही नहीं, केक और पुडिंग आदि में इसके पाउडर का उपयोग किया जा सकता है।
केन शुगर को कैसे स्टोर करें?
यह जल्दी खराब नहीं होती है, इसलिए इसकी शेल्फ लाइफ अच्छी होती है। हां, नमी के कारण इसके डल्ले बन सकते हैं या भी कठोर हो सकती है। इसलिए इसे स्टोर करने के लिए एयरटाइट कंटेनर का इस्तेमाल करें। इस तरह से यह लंबे समय तक चल सकती है।
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