आज विश्व हीमोफीलिया दिवस, जानिए क्‍यों मनाते हैं और क्‍या है इस बार की थीम

आज यानी 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है

Update: 2021-04-17 03:15 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज यानी 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाया जाता है. इसे मनाने का मकसद यही है कि लोग इस बीमारी के बारे में जानें और इसके प्रति जागरूक (Aware) हों. दरअसल, यह एक तरह का डिसऑर्डर (Disorder) है, जिससे खासतौर पर हमारे शरीर का खून प्रभावित होता है. हीमोफीलिया से पीड़ित व्‍यक्ति को जब भी अंदरूनी या बाहरी चोट लगती है, तो उसका खून बहना रुकता नहीं. यानी खून लगातार बहता रहता है और बहता हुआ रक्त जम नहीं पाता. यही स्थिति हीमोफीलिया है. इससे कई बार लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो जाता है.

इसलिए मनाया जाता है
इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1989 से की गई. तब से यह हर साल 'वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया' (डब्ल्यूएफएच) के संस्थापक फ्रैंक कैनेबल के जन्मदिन यानी 17 अप्रैल के दिन मनाया जाता है. डब्ल्यूएफएच एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने और इससे पीड़ित लोगों की बेहतरी के लिए काम करता है. वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक केनेबल की 1987 में संक्रमित खून के कारण एड्स होने से मृत्‍यु हो गई थी. इस रोग की वजह एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है. इसे 'क्लॉटिंग फैक्टर' कहा जाता है. यही बहते हुए रक्त के थक्के जमा कर इसे बहने से रोकता है. यह बीमारी रक्त में थ्राम्बोप्लास्टिन नामक पदार्थ की कमी से होती है.
यह है इस बार की थीम
विश्व भर में हर साल 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस के मौके पर जागरूकता फैलाने वाले अभियानों का आयोजन किया जाता है. इस बीमारी को लेकर एक गंभीर समस्‍या यह है कि कई बार हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को सही समय पर या फिर उचित उपचार नहीं मिल पाता. ऐसे में इस ओर लोगों को जागरूक करना और भी जरूरी हो जाता है. हर वर्ष इस दिवस की अलग थीम रखी जाती है. इस बार विश्व हीमोफीलिया दिवस की थीम 'एडाप्टिंग टू चेंज' (Adapting To Change) रखी गई है.


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