आप अपनी यात्रा की सूची में भारत के इन तीन गांवों को भी जोड़ लें, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन की वैश्विक मान्यता के लिए नामांकित किया गया है.वैश्विक स्तर पर नामांकित होना एक बड़ी बात है. यह गांव मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मेघालय से हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम मान्यता के सम्मान के लिए चुना गया है.
यूएनडब्ल्यूटीओ उन ग्रामीण इलाकों के सर्वोत्तम उदाहरणों की तलाश में है, जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप समुदायों, स्थानीय परंपराओं और विरासत की रक्षा के लिए पर्यटन शक्ति का उपयोग करते हैं
इन तीन गांवों में मध्य प्रदेश का लाधपुरा खास गांव, तेलंगाना में पोचमपल्ली और मेघालय का कोंगथोंग गांव शामिल है.
लाधपुरा खास
Ladhpura khas
मध्य प्रदेश में ओरछा के पास स्थित, लाधपुरा खास बेतवा नदी के तट पर स्थित है, जो विज़िस्टर्स को होमस्टे के साथ ऑथेंटिक विलेज एक्सपीरियंस देते हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि इस गांव को यूएनडब्ल्यूटीओ के प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है. उन्होंने कहा कि “हमारा राज्य अद्भुत वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता से समृद्ध है. हाल ही में, पर्यटन न केवल मनोरंजन बल्कि रोजगार, स्थानीय संस्कृति, भोजन, कला और वास्तुकला के केंद्र बिंदु के रूप में उभरा है.”
कोंगथोंग
Kongthong
कोंगथोंग मेघालय के पूर्वी खासी पहाड़ियों में शिलांग से लगभग 60 किलोमीटर दक्षिण में स्थित एक छोटा सा गांव है जो अपने मनोरम दृश्यों, अनूठी संस्कृति और सुंदरता के लिए जाना जाता है. इसकी एक अनूठी प्रथा है-रवाई सुर आईव-बी - जन्म के समय एक बच्चे को एक धुन सौंपने की, जो उसकी मृत्यु तक व्यक्ति के पास रहती है.
पोचमपल्ली
Pochampally
पोचमपल्ली तेलंगाना का एक बुनकर गांव है, जो हैदराबाद से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित है. पोचमपल्ली को रेशम का शहर माना जाता है, जहां हजारों लूम्स का घर है, जो बुने हुए कपड़े, विशेष रूप से हाथ से बुने हुए इक्कत साड़ियों का उत्पादन करते है. दरअसल, पोचमपल्ली साड़ी को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) मिला है.