लाइफस्टाइल: दुनियाभर में कई ऐसे पेड़-पौधे पाए जाते हैं, जो अपने आप में बेहद खास होते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग इनके बारे में नहीं जानते हैं. वैसे तो प्रकृति ने हर पेड़, पौधे, फल और फूल को खास बनाया है. लेकिन क्या आप जानते हैं धरती पर एक ऐसा फल भी पाया जाता है. जो किसी भी खट्टी से खट्टी चीज को मीठे में बदलने की क्षमता रखता है. जी हां, बेशक आपको यह जानकर यकीन ना हो, लेकिन ये पूरी तरह हकीकत है. यदि आप भी इस फल को पहली बार चखेंगे तो यकीनन चौक जाएंगे. यहां हम जिस फल की बात कर रहे हैं दुनिया उसे मिरैकल फ्रूट (Synsepalum Dulcificum) के नाम से जानती है.
सपोटेसी फैमिली का ये फल दक्षिण अफ्रीका के घाना में पाया जाता है. Synsepalum dulcificum पौधे में आने वाली छोटी-छोटी अंगूर जैसी बेरीज़ की यही खासियत है कि ये खट्टे को मीठा बना सकती हैं. ये फल सुर्ख लाल रंग का होता है. ये फल 1968 में पहली बार दुनिया के सामने आया. इसके बाद यह फल औषधियां बनाने में प्रयोग होने लगा. आइए यूएचएम जिला चिकित्सालय कानपुर की आयुर्वेदाचार्य डॉ. विभा वर्मा से जानते हैं इस फल के बारे में और सेहत के लिए कैसे है फायदेमंद.
वैज्ञानिकों को इस फल में मिरैकुलिन नाम का तत्व मिला, जो ग्लाइकोप्रोटीन का एक प्रकार है. जो मुंह में जाते ही आपके टेस्ट बड पर इसका खासा असर पड़ता है. जिसका फर्क हमें खाने के स्वाद में देखने को मिलता है. इसके लिए आप भले ही नींबू खाया हो या फिर सिरका पीया हो, इस फल को खाने के 60 मिनट के अंदर ये सब कुछ बहुत ही ज्यादा मीठा लगने लगता है. दरअसल, इस फल में मौजूद प्रोटीन (Miraculin Protien) हमारी टेस्ट बड्स या यूं कहें कि हमारी सेंसेज़ को बदल देता है.
जब भी हम कुछ खट्टी चीज का सेवन करते हैं तो इसमें मौजूद pH हमारी जीभ पर मिराकुलिन को बांध लेता है, जिससे जीभ मीठा महसूस नहीं कर पाती. वहीं, जब pH का स्तर कम होता है तो मीठा महसूस होने लगता है. दरअलल ऐसा तब होता है, जब ये प्रोटीन सक्रिय होता है. मिराकुलिन प्रोटीन हाई होने पर आप कितना भी खट्टा खा लें, वो मीठा ही लगेगा.
मिराकुलन प्रोटीन (Miraculin Protien) को टैबलेट के तौर पर खाने से मीठा स्वाद महसूस करने की क्षमता बढ़ जाती है. ये मीठा महसूस करने वाली ग्रंथियों की क्षमता तुरंत बढ़ा देता है. इस फल के साथ एक मुश्किल ये है कि ये काफी जल्दी खराब हो जाते हैं, ऐसे में उन्हें एक जगह से दूसरे जगह भेजना या उगाना आसान नहीं होता. ये सिर्फ तभी हो सकता है, जब इन्हें रातोंरात पहुंचाया जा सके. यही वजह है कि फल से बनाई गई मिराकुलिन टैबलेट्स को ही सप्लाई किया जाता है. वो बात अलग है कि फल (Miracle Fruit) का टेस्ट इसमें नहीं आ पाता. लोग इसका इस्तेमाल इसलिए भी करते हैं कि इससे चीनी की मात्रा उनके भोजन में कम हो जाती है. इसे डायट के लिए काफी अच्छा माना जाता है. हालांकि इसे पकाते ही इसका प्रोटीन खत्म हो जाता है.
यदि आपने इस फल को खाया तो आपको तकरीबन एक घंटे तक सबकुछ मीठा लगेगा. इसे डायट के लिए काफी अच्छा माना जाता है. अफ्रीका के कई देशों में तो इसका इस्तेमाल दवाई के लिए किया जाता है. औषधि की तरह इस्तेमाल किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक नाइजीरिया में इस फल का इस्तेमाल डायबिटीज और अस्थमा जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा इस फल का इस्तेमाल कैंसर व पुरुष नपुंसकता के इलाज के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.