खांसी बच्चे बूढ़े, जवान, स्त्री या पुरुष सभी को कभी भी हो सकती है। इतना साधारण-सा लगने वाला यह रोग किसी-न-किसी उम्र में सबको तंग कर चुका होता है। बदलते मौसम में खांसी जुकाम होना एक आम होता है पर जब खांसी लम्बी चल जाती है तो काफी पीड़ादायक बन जाती है। सुखी और बलगम (कफ) वाली खांसी 2 प्रकार की होती है। और दोनों तरह की खांसी आपको काफी परेशान करती है। खाने पीने से लेकर काम और रात को सोने तक को मजबूर कर देती है। आप इन घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खो को अपनाकर खांसी की समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते है।
* मुलहठी :
दो कप पानी में 5 ग्राम मुलहठी चूर्ण डालकर इतना उबालें कि पानी का आधा कप ही बचे। इस पानी को आधा सुबह और आधा शाम को सोने से पहले पी लें। सुबह जब भी ये लेवें तब इसके कम से कम एक घंटा पहले और बाद में कुछ भी खाना पीना नहीं है। यह प्रयोग 3-4 दिन तक करना है। इस पानी को दोबारा गर्म करने की ज़रूरत नहीं। इसको ढककर रखें। इस प्रयोग से कफ़ पतला और ढीला हो जाता है। जिससे बड़ी आसानी से कफ़ निकल जाता है और खांसी, दमा के रोगी को बड़ी राहत मिलती है।
* हल्दी :
खांसी से पीड़ित रोगी को गले व सीने में घबराहट हो तो गर्म पानी में हल्दी और नमक मिलाकर पीना चाहिए। हल्दी का छोटा सा टुकड़ा मुंह में डालकर चूसते रहने से खांसी में आराम मिलता है।
* फिटकरी :
थोड़ी सी फिटकरी को तवे पर भूनकर एक चुटकी फिटकरी को शहद के साथ दिन में 3 बार चाटने से खांसी में लाभ मिलता है।
* अदरक :
अदरक का रस और शहद समान मात्रा में लेकर (1-1 चम्मच की मात्रा में) इनको मिलाकर मामूली-सा गर्म करके दिन में 3-4 बार लेने से बलगमी खांसी ठीक हो जाती है। बच्चों की खांसी में इस मिश्रण की 1-2 ऊँगली में जितना मिश्रण आ जाए, उतना ही दिन में 2-3 बार लेना ही काफी है। सिर्फ 2-3 दिन में लाभ हो जाएगा। साथ ही नजला, जुकाम भी ठीक हो जायेगा।
* गिलोय :
यह anti-allergic होता है जो नाक और गले की एलर्जी में काफी फायदेमंद है जो खांसी होने की वजह बनती है। गिलोय से हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति में भी इजाफा होता है। जब धुम्रपान या प्रदूषण से खासी होती है तो गिलोय का उपाय उपचार में काफी मददगार होता है।
* काली मिर्च :
काली मिर्च और मिश्री समान मात्रा में लेकर तथा पीसकर इसमें इतनी मात्रा में देशी घी मिलाएं कि गोली-सी बन जाए यह 1-1 गोली दिन में 4 बार टॉफी की तरह चूसने से खांसी के अलावा ब्रोंकाइटिस, गले की खराश तथा गला बैठना आदि रोगों में भी फायदेमंद है।
* जायफल :
जायफल, पुष्कर मूल, कालीमिर्च एवं पीपल बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बनाकर 3-3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करने से खांसी दूर होती है।