आंकड़ों के मुताबिक हर 70 महिलाओं में से एक को गर्भाशय कैंसर का खतरा होता है। इसके ममाले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। महिलाओं के शरीर में असंतुलित हार्मोन्स के कारण गर्भाशय कैंसर का खतरा होता है। माना जाता है कि ये कैंसर बढ़ती उम्र में होता है लेकिन अब कम उम्र की महिलाओं में भी गर्भाशय कैंसर होने का खतरा रहता है।
गर्भाशय की अंदरुनी परत को एंडोमेट्रियम कहते है, जब इसकी कोशिकाएं बढ़ने लगती है, तो कैंसर का खतरा हो सकता है। जब किसी महिला को गर्भाशय कैंसर होता है, तो मां बनने की संभावना खत्म हो सकती है।
गर्भाशय कैंसर के लक्षण को आप इस तरह पहचान सकते हैं-
जब आपको पीरियड के अलावा भी ब्लीडिंग की समस्या होती है, और उस दौरान पेल्विक यानी पेड़ू में भी कॉफी दर्द होता है, तो ये गर्भाशय कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। बेहतर है कि आप अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
अगर बार-बार पेशाब होता है, तो ये गर्भाशय कैंसर का मुख्य लक्षण माना जाता है। इसमें बार-बार पेशाब के दौरान दर्द का सामना करना पड़ता है और पेशाब पास करते समय भी दिक्कत आती है।
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में इस कैंसर का खतरा और बढ़ जाता है। इस कैंसर में मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग होती है। अगर इस तरह की परेशानी हो, तो गायनकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
अगर आपको पीरियड्स के अलावा भी ब्लीडिंग होती है या किसी भी तरह का लिक्विड डिस्चार्ज होता है, तो ये गर्भाशय कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
जब आप अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाते हैं, तो उस समय भी असहनीय दर्द होता है। ओवरी में ट्यूमर होने के कारण भी संबंध बनाते समय दर्द हो सकता है। इस परेशानी को नजरअंदाज न करें।