कंसीव करने में आ रही है दिक्‍कत, इसके पीछे हो सकती है ये दो वजह

व्यायाम भी साथ बैठकर कर। ऐसा करने से उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना अधिक बढ़ जाएगी।

Update: 2022-08-14 07:20 GMT

आज दुनियाभर में मोटापा और उससे होने वाली बीमारियों को हर तीसरा इंसान झेल रहा है। साथ ही खून की कमी के कारण भी लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मोटापा और एनीमिया पूरी दुनिया में महामारी का कारण बनता जा रहा है। मोटापे और एनीमिया के कारण मनुष्य के शरीर में कई तरह की बीमारी अपना घर बना रही है। जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव पुरुष और महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य यानि उनके माता-पिता बनने की क्रिया पर पड़ता है। इस पोस्ट के जरिए हम आपको मोटापे और एनीमिया से गर्भवती अवस्था पर पड़ने वाले असर के बारे में बताएंगे।


क्या है मोटापा और एनीमिया
मोटापे में किसी भी इंसान के शरीर में वसा की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। जिसके कारण दिल की बीमारी, कैंसर, डायबि‍टीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसी के साथ कई बार बांझपन जैसे जोखिम का भी सामना करना पड़ सकता है। अधिकतर महिलाओं में मोटापे के कारण बांझपन की समस्या देखी गई है।

शरीर में खून की कमी होने से एनीमिया की परेशानी होती है। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण आप हर वक्त थका हुआ महसूस करते हैं। हर वक्त आपको थकान महसूस होता है। एनीमिया भी कई तरह का होता है।

प्रेग्नेंसी में मोटापे का प्रभाव
मोटापा प्रेग्नेंसी पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। महिलाओं में कम उम्र में मोटापा की समस्या होने से उनके पीरि‍यड्स पर इसका असर देखने को मिलता है। अनिमियत पीरियड की समस्या के कारण आगे जाकर उनके गर्भ धारण करने में मुश्किल पैदा करती है। कई बार मोटापे के कारण महिलाओं को मिसकेरेज का भी सामना करना पड़ता है।पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम में मोटापे के नकारात्मक प्रभाव पर ज्यादा ध्यान ध्यान देने की जरुरत है। वहीं मोटापा पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर से जुड़ा है। गंभीर हाइपोटेस्टोस्टेरोनमिया से जुड़े शुक्राणुजनन में कमी मोटे लोगों में बांझपन का कारण बनती है।

मोटापे से बचाव
मोटापा किसी भी इंसान के लिए हानिकारक है। इससे बचाव हर किसी के लिए जरूरी है। मोटापे से खूद को बचाने के लिए स्वस्थ खाद्य पदार्थ जैसे अनाज, फल, सब्जियां, प्रोटीन के साथ और पेय पदार्थ का सेवन करना चाहिए। फास्ट फूड से दूरी बनाकर रखाना चाहिए। मोटापे से ग्रासित लोगों को अपने शरीर का कम से कम 7 प्रतिशत वजन कम करना चाहिए। साथ ही व्यायाम और योग भी करना चाहिए। गर्भ धारण करने में जीन दंपति को परेशानी हो रही हो, उन्हे कोशिश करनी चाहिए की वो एक साथ बैठकर पोष्टिक आहार ग्रहण करें, और व्यायाम भी साथ बैठकर कर। ऐसा करने से उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना अधिक बढ़ जाएगी।


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