महाराष्ट्र टूरिज्म की ओर से हमें पुणे के खूबसूरत जिले जुन्नर को एक्सप्लोर करने का मौका मिला। इस दौरान हमने छत्रपति शिवाजी महाराज और उनसे जुड़े ऐतिहासिक बातों को भी जाना। छत्रपति शिवाजी महाराज की 394 वीं जयंती के अवसर पर शिवनेरी फोर्ट के इतिहास से रू-ब-रू होने का मौका मिलना अपने आप में खास है।
वहीं, हिंदवी स्वराज्य महोत्सव के लिए हम जुन्नर के टेंट हाउस में लगभग डेढ़ दिन रुके, जहां से हमें शिवनेरी और वेद कस्तूरी एग्रो फार्म को एक्सप्लोर करने का मौका मिला। यह ग्रो फार्म बहुत ही खूबसूरत है। यहां पर चीकू, अंगूर और आम जैसे फलों की खेती की जा रही है।
खेती के साथ-साथ यहां पर आपको यहां बॉम्बे होम स्टे की सुविधा के साथ खाने के लिए पारंपरिक महाराष्ट्रीयन व्यंजन भी मिलेंगे। महाराष्ट्र पर्यटन विभाग के सदस्य और जुन्नर पर्यटन विकास संगठन संस्थापक डॉ.अमोल पुंडे ने बताया कि यह होम स्टे पिछले दो साल से लोगों को सुविधाएं देने का काम कर रहा है।
यहां पर रहने के लिए आपको एक दिन का दो हजार रुपये देने होंगे। हमने यहां स्टे तो नहीं किया था, लेकिन वेद कस्तूरी एग्रो फार्म को एक्सप्लोर जरूर किया। इस दौरान हमारे साथ महाराष्ट्र पर्यटन विभाग के सदस्य और जुन्नर पर्यटन विकास संगठन संस्थापक डॉ.अमोल पुंडे नेचीकू की खेती से जुड़े कुछ हैक्स साझा किए, जिसे हम आपके साथ साझा कर रहे हैं।
एग्रो फार्म के बारे में जानें यह पारुंडे गांव में स्थित है, जो जुन्नर से लगभग 8 किलोमीटर दूर है। यह फार्म वेद कस्तूरी होम स्टे के पास ही मौजूद है। यहां रहने की सुविधा के साथ-साथ आपको चीकू के फार्म, पारंपरिक वस्तुएं और कई एक्टिविटी करने का भी मौका मिलेगा। इस एग्रो फार्म में आपको खेती का अनुभव मिलेगा।
अगर आप शहर से हैं तो इस जगह को एक्सप्लोर करना आपके लिए एक नया अनुभव हो सकता है। यहां आपको ऑर्गेनिक गन्ने का रसऔर फलों का स्वाद चखने का मौका मिलेगा। यहां न सिर्फ चीकू, बल्कि अंगूर और आम के खेत भी मिलेंगे। इन फार्म को भी आप एक्सप्लोर करने के लिए जा सकते हैं।
जब हम अपने घर में प्लांट लगाते हैं, तो यही चाहते हैं कि उसकी ग्रोथ बेहतर तरीके से हो। इसके लिए पानी के साथ खाद पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। बेहतर है कि आप अपने लिए ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें। ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें प्लांट और ईको-सिस्टम दोनों के लिए काफी अच्छा माना जाता है।
जब आप इनका इस्तेमाल करते हैं तो, इससे प्लांट की ग्रोथ तो बेहतर होती है। साथ ही साथ, आपको अन्य भी कई लाभ मिलते हैं। अगर आप चीकू का पौधा लगा रहे हैं, तो ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें।
गोबर का करें इस्तेमाल चीकू के पेड़ की ग्रोथ के लिए जरूरी है कि गोबर की खाद का इस्तेमालकिया जाए। गोबर की खाद न सिर्फ पौधे के लिए फायदेमंद होती है, बल्कि मिट्टी उपजाऊ भी बन जाती है। वैसे तो गोबर कई रूप में होते हैं, लेकिन देशी गाय का गोबर एक ऐसा ख मदद से गमले की मिट्टी को चंद दिनों में उपजाऊ बना सकते हैं।
देशी गाय के गोबर में वो सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो एक पौधे की ग्रोथ के लिए सबसे जरूरी होता है। कहा जाता है कि गाय के गोबर में लगभग 300 से भी अधिक सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं, जो मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए बेस्ट होते हैं। इसके लिए फॉलो करें ये स्टेप्स-
गोबर को एक मग मिट्टी में मिक्स कर लें। गमले की मिट्टी को हल्का लूज कर लें।गोबर युक्त खाद को डालकर बराबर कर लें। मिट्टी बराबर करने के बाद 1-2 मग पानी जरूर डालें। बोन मील खाद का करें इस्तेमाल डॉ.अमोल पुंडे ने बताया कि वो चीकू के फार्म में फर्टिलाइजर के तौर पर बोन मील का भी इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि बोन मील खाद पोषक तत्वों से भरपूर किसी भी पौधे के लिए बहुत ही उपयोगी जैविक खाद है। इस खाद को जानवरों की हड्डियों को पीसकर बनाया जाता है।
इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और नाइट्रोजन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व पेड़ की जड़ों को मजबूत बनाने का काम करते हैं। अगर आप घर पर चीकू का पौधा लगा रहे हैं, तो बोन मील को खाद के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। कब लगाना चाहिए चीकू का पेड़? डॉ.अमोल पुंडे का कहना है कि चीकू का पौधा साल में कभी भी लगाया जा सकता है, लेकिन बेहतर होगा कि आप जुलाई से अगस्त के महीने में इसके बीज लगाएं। हालांकि, पेड़ में चीकू 3 से 4 साल के अंतराल के बीच आते हैं। इस दौरान आपको चीकू की नियमित रूप से देखभाल करनी होगी।
नीम खली का करें इस्तेमाल नीम खली एक तरह की खाद होती है, जिसमें एक आर्गेनिक फर्टिलाइजरहोती है। डॉ.अमोल पुंडे के अनुसार नीम खली को पौधों में डालने के कई फायदे हैं, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम और सल्फर जैसे कई तत्व मौजूद होते हैं। यह दोनों तत्व पौधों को जरूरी पोषण प्रदान करते हैं। इसके अलावा, यह खाद सामान्य खाद से बिल्कुल अलग होती है।
मगर कई लोग नीम खली को सामान्य खाद की संज्ञा देते हैं, क्योंकि यह दिखने में खाद की तरह ही होती हैं लेकिन क्या आपको पता है सामान्य खाद और नीम खली आदि के केमिकल कंपोजिशन बिल्कुल अलग हैं।
क्या गमले में लगाया जा सकता है चीकू का पौधा? इस सवाल को जब हमने डॉ.अमोल पुंडे ने पूछा, तो उन्होंने बताया कि चीकू का पौधा गमले में लगाया जा सकता है। मगर इसके लिए आपको बड़ा कंटेनर का चुनाव करना होगा। वहीं, अगर आपके पास मिट्टा का गार्डन है, तो बेहतर होगा कि चीकू का पौधा जमीन पर लगाएं।