लाइफस्टाइल: खान-पान को लेकर हर राज्य की अपनी-अलग पहचान है. बिहार का भी अपना एक खास व्यंजन है, जिसे आम से लेकर खास लोग भी खाना पसंद करते हैं. स्वाद और पौष्टिकता के लिए जाना जाने वाला लिट्टी बिहार से निकल कर देश के कई राज्यों में भी अपनी पहचान बना चुका है. पश्चिम चंपारण जिले के मुख्यालय बेतिया में एक ऐसी दुकान है जहां हर दिन 2,500 से 3,000 लिट्टी बिकती है. खास बात है कि बेहतरीन स्वाद तथा मिलावट से मुक्त लिट्टी के लिए यह दुकान पूरे शहर में प्रसिद्ध है.
लिट्टी तो अपने बहुत खाई होगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां बनाई जाने वाली लिट्टी का स्वाद आपको अपना दीवाना बना लेगा. दरअसल, बेतिया पावर हाउस चौक पर स्थित लिट्टी की एक 40 वर्ष पुरानी दुकान है, जहां हर दिन हजारों लिट्टियां आसानी से बेची जाती है. ग्राहकों का कहना है कि यहां मिलने वाली लिट्टी का पूरे शहर में कोई तोड़ नहीं है. शहर के कोने-कोने से लोग यहां सिर्फ लिट्टी खाने के लिए ही आते हैं. दुकान के मालिक दीपक ने बताया कि उनके पूर्वजों से यह काम चला आ रहा है. बकौल दीपक हर दिन तकरीबन 75 किलो आटे की खपत होती है, जिससे करीब 2500 लिट्टीयां बनाई जाती है. दुकान सुबह 7 बजे खुल जाती है, जो रात के 9 बजे तक चलती ही रहती है.
दुकान के मालिक दीपक ने बताया कि उच्च क्वालिटी का समान और बनाने की सही विधि लिट्टी के स्वाद को कई गुणा बढ़ा देती है. बकौल दीपक लिट्टी को बनाने के लिए अक्सर मैदे का उपयोग किया जाता है, लेकिन उनके यहां इसे आटे से तैयार किया जाता है. इसके अलावा, उसमें कई प्रकार के मसाले एवं अचार मिलाए जाते हैं. फिर उसमें शुद्ध चने का सत्तू डालकर सोयाबीन ऑयल में फ्राई किया जाता है. खास बात यह है कि इसे महज 8 रुपए प्रति लिट्टी की कीमत पर बेचा जाता है. जिसे खाने के लिए लोग शहर के कोने कोने से आते हैं.
शहर के इलमराम चौक निवासी मनीष और कालीबाग निवासी राहुल का कहना है कि देखने में तो यह दुकान बेहद पुरानी तथा टूटी-फूटी सी दिखती है, लेकिन यहां मिलने वाली लिट्टी बहुत मुलायम व खस्ता होती है. शहर में लिट्टी की सैकड़ों दुकानें हैं, लेकिन पावर हाउस स्थित इस दुकान की बराबरी कोई नहीं कर सकता.